राजधानी लखनऊ में एक होश उड़ाने वाला मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि एक एलडीए का ड्राइवर कई लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। आरोपी ड्राइवर को सरकारी कार्यालय दिया गया है। इस सरकारी कार्यालय का प्रयोग वह अपने कार्यालय के तौर पर कर रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ड्राइवर इस सरकारी कार्यालय में रात में सेक्स रैकेट चला रहा है। आये दिन शाम से देर रात तक कार्यालय में कई लड़कियों का आना जाना लगा रहता है इससे इलाके के लोग काफी नाराज हैं। आरोपी ड्राइवर का बेटा अखंड प्रताप सिंह खुद को भाजपा मंत्रियों का करीबी बताकर लोगों को धमकाता है। इसके चलते किसी की शिकायत करने की हिम्मत नहीं हो रही है।

आरोपी ड्राइवर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा भी चिनहट थाने में दर्ज है। उसे कई बार तत्कालीन इन्स्पेक्टर आनंद कुमार शाही ने बुलाया लेकिन आरोपी के ना जाने पर पिछले महीने उसे नोटिस भी पुलिस ने भेजी थी। परंतु अभी तक कोई ठोस कार्रवाई ना होने से उसके हौसले बुलंद हैं। एलडीए के अधिकारी भी आरोपी ड्राइवर को संरक्षण दे रहे हैं। इसके चलते वह लोगों से धोखाधड़ी लगातार कर रहा है। फिलहाल अब पुलिस आरोपी पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।

जानकारी के अनुसार, पूरा मामला हजरतगंज कोतवाली क्षेत्र का है। यहां लालबाग स्थित लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के कार्यालय में तैनात ड्राइवर कृष्णकुमार सिंह उर्फ गोपाल सिंह पर चिनहट थाना में मुकदमा अपराध संख्या 42/19 धारा 420, 406, 504, 506 IPC दर्ज है। आरोप है कि आरोपी ड्राइवर कई लोगों से एलडीए में आवास दिलाने के नाम पर पैसे ऐंठ चुका है।

इस संबंध में थानाध्यक्ष ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया तो वह उपस्थित नहीं हुआ। तो पुलिस ने आरोपी को धारा 160 दंड प्रक्रिया संहिता में निहित शक्तियों के अधीन नोटिस भेजा। आरोप है कि ये कई लोगों को अपने जाल में फंसाकर एलडीए के अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। आरोपी पर आय से अधिक संपत्ति होने का आरोप है। लखनऊ में कई गाड़ियां और कई फ्लैट आरोपी ने ठगी करके हासिल किये हैं।

लोगों की गाढ़ी कमाई के पैसे हजम करके ड्राइवर ने अकूत सम्पत्ति हासिल कर ली है। अधिकारियों की सह पर आरोपी एलडीए कार्यालय में कुंडली मार के बैठा है और जनता का खून चूस रहा है। लेकिन अधिकारी आँखों में काली पट्टी बांधकर मेज के नीचे से कमीशन के नोट गिन रहे हैं। इस संबंध में जब एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह और सचिव मंगला प्रसाद सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो उनके फोन बंद होने के कारण बात नहीं हो सकी।

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