लखनऊ विकास प्राधिकरण अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए तमाम जतन कर रहा है। इसी कड़ी में उसने अपनी संपत्तियों का किराया बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में प्रस्ताव आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद अक्टूबर माह से किराये की नयी दरें वसूली जाएंगी। इसके साथ ही, किराये पर 18 प्रतिशत गुड्स एंड सर्विस टेक्स यानि जीएसटी भी वसूला जाएगा।

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बढ़ेगा प्रॉपर्टी  रेंट

  • दरअसल, लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से अपनी आय को बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं।
  • कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को बेचने में असफल होने के बाद  रेजिडेंसियल प्रॉपर्टी बेचने के प्रयास हो रहे हैं।
  • इसके अतिरिक्त, एलडीए ने प्रॉपर्टी के रेंट को भी बढ़ाने का मन बना लिया है।
  • वजह, एलडीए की तमाम संपत्ति हैं, जिनके एवज में एलडीए को मात्र 200 रुपए या 250 रुपये ही मिलता है।
  • इतना ही नहीं तमाम संपत्ति हैं, जो विवादित है और उनका किराया न्यायालय में 40-50 रुपये ही जमा होता है।
  • अब यह किराया नहीं रहेगा। एलडीए नई किराया दर लागू करने जा रहा है।
  • ओएसडी राजेश शुक्ल का कहना है कि शहर में एलडीए व्यावसायिक संपत्ति का किराया, बहुत पुरानी दरों पर लिया जा रहा है।

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  • कई संपत्तियां हैं, जिनका किराया 10, 20 व 30 रुपये प्रतिवर्ग मीटर की दर से निर्धारित है।
  • उक्त दरों को पुनर्निधारण होगा। नगर निगम की दरों को ध्यान में रखते हुए नया किराया दर लागू किया जाएगा।
  • किराया बढ़ाने का प्रस्ताव बनकर तैयार है।
  • अगामी बोर्ड बैठक में अधिकारियों की सहमति से नया किराया दर लागू होगा।
  • इसके साथ ही किराये पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी भी लागू होगी।
  • इसके लिए एलडीए ने समस्त संपत्तियों का निर्धारण व मूल्यांकन शुरू कर दिया है।
  • साथ ही एलडीए के लैट व व्यावसायिक संपत्ति, जिनका पूर्ण भुगतान नहीं हुआ है और एलडीए को किस्त मिल रही हैं
  • उन संपत्तियों पर भी 12 प्रतिशत जीएसटी लागू होगी।
  • अर्थात अगामी माह से किस्तें  12 प्रतिशत बढ़ा कर उपभोक्ताओं को भुगतान करना होगा।
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