राजधानी लखनऊ में लगातार तेंदुआ पकड़े जा रहे हैं। ये तेंदुआ कहां से आ रहे हैं इसे सुनकर सभी लोग हैरान हैं।पिछले दिनों ठाकुरगंज के एक स्कूल में तेंदुआ पकड़ा गया था। इसके बाद आशियाना के औरंगाबाद खालसा में एक तेंदुआ मार गिराया गया था। इसके बाद गोसाईंगंज के मुल्लाखेड़ा गांव में सोमवार को तेंदुआ निकल आया। वहां दिनभर लोग दहशत में रहे।

किसान पथ के नीचे पानी के पाइप में छिपे तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम पांच घंटे देरी से पहुंची। इसके बाद देर रात तक मशक्कत करती रही, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया। रात भर वन विभाग की टीम उसे पकड़ने की कोशिश करती रही आखिरकार मंगलवार को टीम ने ट्रेंकुलाइज कर तेंदुए को पिंजरे में कैद कर लिया। वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़कर लखनऊ चिड़ियाघर लाई है। तेंदुआ के पकड़े जाने के बाद लोगों के भीतर से भय समाप्त हो गया है।

साढ़े बारह घंटे बाद पकड़ा गया तेंदुआ

गौरतलब है कि सोमवार की सुबह 8:00 बजे मुल्लाखेड़ा के निवासी मोहित को किसान पथ के नीचे पानी के पाइप में किसी जानवर के गुर्राने की आवाज आई थी। मोहित ने गांव के लोगों को बुलाया और अंधेरे की वजह से टॉर्च की रोशनी से देखने की कोशिश की तो तेंदुए ने दहाड़ मारी। यह खबर फैलते ही गांव के सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। मोहित ने गोसाईंगंज थाने को सूचना दी, तो कुछ ही देर में एसओ विद्यासागर पुलिसकर्मियों समेत मौके पर पहुंचे। उन्होंने लगभग सुबह 9:00 बजे वन विभाग को सूचना दी।

जेसीबी से पाइप का मुंह बंद करवा दिया

इसके तुरंत बाद उन्होंने निर्माण कार्य के लिए नजदीक खड़ी जेसीबी से पाइप का मुंह बंद करवा दिया। पूरे मामले में वन विभाग की लारवाही एक बार फिर सामने आई। विभाग के अफसर फिर इसे भेड़िया आया भेड़िया की कहावत की तरह तेंदुआ आया…तेंदुआ आया का शोर समझ खाली हाथ मौके पर पहुंच गए। डीएफओ मनोज सोनकर दोपहर एक बजे टीम के साथ पहुंचे, बिना किसी इंतजाम के। बाद में पिंजरा और जाल मंगवाया गया।

रात भर चला रेस्क्यू ऑपरेशन

डीएफओ और नवाब वाजिदअली शाह प्राणि उद्यान के डॉ. बृजेंद्र और डॉ. आशीष ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। प्राणि उद्यान के डॉ. उत्कर्ष ने टीम की मदद से पाइप के मुंह पर पिंजरा लगाया और उसे जाल व तिरपाल से ढक दिया। काफी देर तक तेंदुए के पिंजरे में न आने पर पाइप में सरिया डालकर तेंदुए को निकालने की कोशिश की गई। हालांकि रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा लेकिन उसे निकाला नहीं जा सका। आखिरकार मंगलवार सुबह 8:30 बजे वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर तेंदुए को पिंजरे में कैद कर लिया।

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