मध्य कमान के सेनाध्यक्ष ले. जनरल बलवंत सिंह नेगी ने ‘कर्नल आॅफ द आसाम रेजिमेन्ट’ का पदभार ग्रहण किया।

  • शिलांग स्थित आसाम रेजिमेन्टल सेन्टर तथा अरूणाचल प्रदेश स्काउट्स में गत् 29 मार्च 2017 को आयोजित एक भव्य समारोह में थल सेना के डिप्टी चीफ आॅफ द आर्मी स्टाफ (पी एन्ड एस) ले. जनरल सुब्रत साहा ने ‘कर्नल आॅफ द रेजिमेन्ट’ का ‘बैटन’ ले. जनरल बलवंत सिंह नेगी को सौंपा।
  • आसाम रेजिमेन्टल सेन्टर तथा अरूणाचल प्रदेश स्काउट्स के ‘कर्नल’ रहे ले. जनरल सुब्रत साहा सेना में अपने 39 वर्षों की सराहनीय सेवाओं के बाद 31 मार्च 2017 को सेवानिवृत हो गये।

मानद पद है ‘कर्नल आॅफ द आसाम रेजिमेन्ट’

  • ‘कर्नल आॅफ द आसाम रेजिमेन्ट’ का पद एक मानद पद है जिसे सामान्यतः रेजिमेन्ट के वरिष्ठतम सेवारत सैन्यधिकारी को सौंपा जाता है।
  • कर्नल आॅफ द आसाम रेजिमेन्ट, रेजिमेन्टल सेन्टर के सैन्यधिकारियों एवं जवानों के समस्त कल्याणकारी हितों सहित उनकी व्यावसायिक दक्षता को सुधारने के लिए एक ‘फादर फिगर’ के रूप में कार्य करते हैं।
  • मध्य कमान के सेनाध्यक्ष एवं ‘कर्नल आॅफ द आसाम रेजिमेन्ट’ ले. जनरल बलवंत सिंह नेगी के नेतृत्व में यह रेजिमेन्ट उत्कृष्ठता के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने में आशान्वित है।

15 जून 1941 को हुआ था गठन

  • भारतीय सेना के आसाम रेजिमेन्ट का गठन 15 जून 1941 को भारत में जापानी आक्रमण की धमकियों से निपटने के लिए तत्कालीन अखंडित राज्य आसाम ने अपनी युद्धक यूनिट के रूप में की थी।
  • देश की स्वतंत्रता के बाद इस रेजिमेन्ट की बटालियनों ने सभी युद्धों एवं आतंकवाद विरोधी अभियानों में भाग लिया।
  • वर्ष 1971 में छम्ब में दृढ़तापूर्वक रक्षा के लिए आसाम रेजिमेन्ट को ‘बैटल आॅनर’ से अलंकृत किया गया।

कई प्रदेशों का है मिश्रति रेजिमेंट

  • यह रेजिमेन्ट नागालैंड, मिजोरम, आसामी तथा अरूणाचल प्रदेश एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र के जनजातीय वर्गों का एक मिश्रित रेजिमेन्ट है।
  • इस रेजिमेन्ट की दो बटालियनों में डोगरा, गढ़वाली, गोरखा एवं दक्षिणी भारत के जातीय लोग शमिल हैं।
  • अपनी अद्वितीय संस्कृति एवं मिश्रित जनजातीय वर्गों को संजोये इस रेजिमेन्ट के जवान पर्वतीय, जंगल एवं दुर्गम क्षेत्रों में भी पूरी दृढ़ता एवं बहादुरी के साथ सैन्य ऑपरेशनों को अंजाम देने में सक्षम हैं।
  • इस दौरे के दौरान 30 एवं 31 मार्च 2017 को ले. जनरल बलवंत सिंह नेगी ने पड़ोसी कमान के सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई सर्वेक्षण किया।
  • ले. ने वास्तविक नियंत्रण रेखा सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात जवानों से रूबरू हुए तथा उनके द्वारा बेहतर सुरक्षा के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना की।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें