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Live: किसी ने किसानों की आय दोगुनी करने की नहीं सोची- CM योगी

Live CM Yogi no one think doubling farmers income

Live CM Yogi no one think doubling farmers income

आज यूपी सहित देश के 8 राज्यों में कृषि एवं मनरेगा अभिशरण कार्यशाला का आयोजन किया गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ इस कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए हैं. वहीं सीएम योगी के ग्रामविकास मंत्री डॉ महेंद्र सिंह भी कार्यक्रम में मौजूद हैं. बता दें कि ये कार्यशाला देश के 8 राज्यों में आयोजित हुई हैं. 

सीएम योगी का संबोधन:

किसानों की आय दोगनी करना हमारा लक्ष्य

किसानों को लेकर सरकार गंभीर

देश की खुशहाली का रास्ता किसान

किसानों का विकास मतलब देश का विकास

4 जगहों पर कार्यशाला करवाई जाएगी.

लखनऊ में पहली कार्यशाला की गयी.

मनरेगा में संसोधन किया जायेगा:

सीएम ने कहा कि मनरेगा में संसोधन कर के किसानों की आय दोगनी करने का महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे.

मनरेगा का उपयोग कैसे करें कि कृषि के साथ, लघु, सीमांत किसानों के साथ कैसे जोड़े की किसानी को फायदा मिले।

आज इस कार्यशाला में जो सुझाव आएंगे, इस पर भारत सरकार देखेगी की कैसे महत्वपूर्व कदम उठाए.

शासन की मंशा होती है कि कैसे लोगो को लाभ पहुचाये.

तमाम योजनाएं होने के बाद भी किसान परेशान होता है. इसके पीछे जागरूकता की कमी है।

पहले योजनाओं चली लेकिन इसका लाभ नही मिलता था.

मनरेगा की राशि से हम बड़ा परिवर्तन ला सकते है।

2016 में पीएम आवास बहुत कम बन पाए और जब हमारी सरकार आई तो 8 लाख 85 हजार लोगों को आवास दिया गया.

साथ ही मनरेगा के तहत लोगो को 12 हजार शौचालय राशि दी गई.

1 लाख 20 हजार पीएम योजना के तहत दिए गए.

जहा जागरूकता नही थी वहां इसका लाभ लोगो को नही मिल सका।

शासन ने रुचि दिखाई तो इसका लाभ मिला।

हमारी सबसे बड़ी समस्या सिंचाई के साधन नही होना है.

जहाँ हमने इच्छा शक्ति दिखाई, वहां लोगो ने तमाम जिलो में नदियों को पुर्नजीवित किया गया।

किसी ने किसानों की आय दोगुनी करने की नहीं सोची.

किसान, मजदूर और गरीब प्राथमिकता

किसानों का उत्पादन बढ़ाया

सरकार ने एतिहासिक कदम उठाये

MSP को बढ़ाया:

किसानों के लिए शौचालयों का निर्माण करवाया.

गरीबों को पीएम आवास दिए गये.

हमें किसानों का विकास करना होगा.

सरकार आते ही बुचडखाने बंद किये.

आवारा जानवर रखने की व्यवस्था की.

किसानों ने आत्महत्या का जिम्मेदार शासन प्रशासन:

जागरूकता, इच्छा शक्ति और शासन प्रशासन की गैर जिम्मेदारी के कारण किसानों ने आत्महत्या की.

लेकिन हम किसानों के हित में काम कर रहे हैं.

260 योजनाएं ऐसी हैं, जिन्हें मनरेगा के अंतर्गत किया जा सकता है।

इनमें 193 सामुदायिक हैं और 67 योजनाओं को व्यक्तिगत रूप से मनरेगा से जोड़कर किसानों को लाभान्वित किया जा सकता है.

किसान फसल के बाद खेतो में आग लगा देते है।

मनरेगा के प्रयोग से किसान वेस्ट खेती का सही उपयोग कर सकेंगे।

धान की जो लागत किसान को पड़ रही है उसे मनरेगा के तहत लाभ मिले तो खेती बेहतर हो सकेगी और किसान पलायन नहीं करेंगे.

मनरेगा जैसी योजना सहित तमाम योजनाओ को सही तरीके से लागू किया गया होता तो किसानी ने जान नही दी होती।

इसके लिए शासन और प्रशासन भी जिम्मेदर है।

कार्यशाला में शामिल हुए ये विभाग:

वमें विभाग, लघु सिंचाई, आईडब्ल्यूएमपी, कृषि, उद्यान, रेशम, कृषि रक्षा, मत्स्य, भूमि संरक्षण, नाबार्ड, विद्युत विभाग, आईडब्ल्यूएमपी, भूमि विकास एवं जल संसाधन, पशुपालन, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी व बैंक विशेषज्ञ भाग ले रहे है।

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