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रूदौली की बात करें तो सियासी लहर के विपरीत जाकर फैसलें करने में यह बेहद अहम मानी जाती है। इस बार जहां बसपा अपना खाता खोलने के लिए बेकरार है तो सपा और कांग्रेस गठबंधन भगवा दुर्ग भेदने की पूरी कोशिश में हैं। यहां 1993 में सपा पहली बार जीती थी लेकिन बसपा का कभी खाता भी नहीं खुला।

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पिछड़ी जाति और अनुसूचित बहुल सीट

  • रूदौली विधानसभा पिछड़ी जाति और अनुसूचित बहुल सीट है।
  • दूसरे नम्बर पर यहां मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका इतनी अहम है कि उनका एकतरफा समर्थन किसी भी पार्टी के लिए जीत या हार का सबब बन सकता है।
  • वैसे हिन्दू-मुस्लिम समीकरण यहां हर चुनाव में हावी रहता है।
  • यही कारण रहा कि सबसे पहले यहां जनसंघ का ही विधायक चुना गया और तबसे यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाने लगी।
  • यहां दो बार जनसंघ व तीन बार भाजपा के विधायक रहे, जबकि तीन बार भाजपा समर्थित विधायक रहे।

मुस्लिम मतों की बदौलत सपा तीन बार जीती

  • वहीं यादव व मुस्लिम मतों की बदौलत सपा तीन बार रूदौली विधानसभा से जीत का स्वाद चख चुकी है।
  • 1993 में पहली बार इश्त्यिाक अहमद ने सपा के टिकट पर जीत दर्ज की।
  • उस समय सपा ने भाजपा के रामदेव आचार्य को महज 670 मतों से पराजित किया था।
  • वह भी जब इस चुनाव में सपा और बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था।
  • सबसे दिलचस्प बात यह है कि रूदौली विधानसभा में बसपा का खाता कभी भी नहीं खुला।
  • इसके बाद 1996 में फिर से भाजपा के रामदेव आचार्य विधायक बने।
  • इसके बाद 2002 में सपा के रूश्दी मियां ने जीत दर्ज की और लगातार दो बार विधायक रहे।
  • खास बात है कि 2012 में जब सपा ने पूरे प्रदेश में धमाकेदार प्रदर्शन किया और पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी,
  • तब रामचन्द्र यादव सपा से यह सीट छीन कर भाजपा की झोली में डालने में कामयाब रहे।

2012 में सपा का जादू चला लेकिन यहां मिली हार

  • यूं तो फैजाबाद की पांचों विधानसभा में 2012 में सपा का जादू चला लेकिन रूदौली में रामचन्द्र यादव के आगे सपा की नहीं चली।
  • इस वजह से रामचन्द की लोकप्रियता और कद में काफी इजाफा हुआ।
  • वहीं मौजूदा परिस्थितियों में विधायक की जमीनी पकड़, क्षेत्र में उपलब्धता और विकास कार्यों की बदौलत उनकी मजबूत स्थिति मानी जा रही है।
  • इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाले प्रखर समाजवादी नेता राम सेवक यादव ने भी रूदौली का प्रतिनिधित्व किया है।
  • वहीं प्रदीप यादव ने भी तीन बार यहां का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
  • सामाजिक समीकरण की बात करें तो रूदौली विधानसभा में अब तक चार बार मुस्लिम और 11 बार हिन्दू विधायक रहे।
  • इसी तरह पांच बार यादव और चार बार वैश्य विधायक भी रहे।

सपा को कड़ी मेहनत की दरकार, बसपा व भाजपा में मुकाबले के आसार

  • रूदौली के मौजूदा विधायक की साफ सुथरी छवि, क्षेत्र में उपलब्धता व विकास कार्यों की बदौलत भाजपा का पलड़ा भारी लग रहा है तो वहीं बसपा करीब 80 हजार दलित और 90 हजार मुसलमान मतदाताओं के बल पर भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकती है।
  • इस लिहाज से बसपा और भाजपा में मुकाबले के आसार दिखाई दे रहे हैं।
  • वहीं सपा को मुकाबले में आने के लिए काफी मशक्कत करनी होगी, क्योंकि जनता सपा प्रत्याशी अब्बास अली जैदी के लगातार 10 वर्ष के कार्यकाल को देख चुकी है।
  • जनता का उनसे मिलना कठिन था।
  • यादव मुस्लिम गठजोड़ से वह दो बार विधायक बने।
  • इस बार समीकरण सपा के खिलाफ हैं।
  • सपा प्रत्याशी शिया हैं जबकि बसपा के प्रत्याशी फिरोज खान सुन्नी हैं।
  • पूरे रूदौली विधानसभा में शिया मतदाताओं की संख्या मात्र दो हजार हैं।

जनता की रायशुमारी

  • फगोली कुर्मियान निवासी दिलीप रावत का कहना है कि सबके सुख दुख में वह परिवार के सदस्य की तरह वह शामिल होते हैं।
  • किसी के घर में कुछ होता है तो रामचन्द्र यादव वहां खडे़ मिलते हैं।
  • ग्राम दशरथमऊ निवासी अनुज वर्मा व सुमन भाई पटेल ने कहा कि प्रदेश में सपा की सरकार होने के बावजूद रामचन्द्र यादव ने क्षेत्र में विकास के काफी काम कराये हैं।
  • मवई चौराहा निवासी बृजेन्द्र कुमार का कहना है कि विधायक जी दुबारा चुनाव जीतेंगे क्योंकि वह सबकी समस्याओं को भी सुनते हैं।
  • भाजपा प्रत्याशी व विधायक रामचन्द्र यादव ने कहा कि पांच वर्षों में जनता के हित में किये गये विकास कार्यों और केन्द्र की मोदी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर हम जनता के बीच जा रहे हैं।
  • हम अपनी बात बता रहे हैं। जनससमस्याओं को लेकर हमने संघर्ष किया है।
  • जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए हम हर गांव की समस्याओं पर लोगों से संवाद कर रहे हैं।

विधायक ने साम्प्रदायिकता का जहर घोलने का काम किया: रूश्दी मियां

  • सपा प्रत्याशी रूश्दी मियां ने विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा विधायक ने क्षेत्र में साम्प्रदायिकता का जहर घोलने का काम किया है।
  • दुर्गा पूजा के समय में उन्होंने यहां के अमन चैन को बिगाड़ने का प्रयास किया लेकिन रूदौली की जनता ने उनके मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया।
  • रही बात क्षेत्र के विकास की तो उनकी विकासनिधि कहां खर्च हुई कहीं दिखाई नहीं देती।
  • फिरोज खान गब्बर, बसपा प्रत्याशी रूदौली की जनता का प्यार हमें मिल रहा है।
  • अगर हमें मौका मिलता है तो हम जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का काम करेंगे और क्षेत्र को विकास की धारा से जोड़ने का काम करेंगे।

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में दलीय स्थिति

  • पार्टी      नाम                    प्राप्त मत   मतप्रतिशत
  • भाजपा   राम चन्दर यादव     61173     32.66
  • सपा      अब्बास अली जैदी     60232   32.16
  • बसपा     समशाद खाँ            34354    18.34
  • कांग्रेस     मुनीर अहमद         13574     7.25

    जातिगत समीकरण

    हिन्दू मुस्लिम

    दलित 80 हजार     शिया मुस्लिम      02 हजार
    यादव 70 हजार     सुन्नी में मुस्लिम   अपर 40 हजार
    लोधी 30 हजार      फकीर                 5 हजार
    वैश्य 20 हजार      कुरैशी                  6 हजार
    कुर्मी 15 हजार       कबरिया               5 हजार
    क्षत्रिय 15 हजार     अंसारी                 7 हजार
    ब्राह्मण 12 हजार     धोबी, नाई            6 हजार
    मौर्या 16 हजार      पठान                  5 हजार
    पाल 14 हजार       जोगी,मंगता,         कलंदर 12 हजार

    अब तक जीते विधायक

    वर्ष           विधायक                       पार्टी
    2012       रामचन्द्र यादव          भाजपा
    2007      अब्बास अली             जैदी सपा
    2002      अब्बास अली जैदी       सपा
    1996      रामदेव आचार्य           भाजपा
    1993       इस्त्यिाक                 अहमद सपा
    1991       रामदेव आचार्य           भाजपा
    1989      प्रदीप कुमार यादव       जनता दल
    1985       मरगूब अहमद खान     कांग्रेस
    1980       प्रदीप कुमार यादव      जनता पार्टी
    1974       रामसेवक यादव          भारतीय क्रान्ति दल
    1967       सी. कुमार                 निर्दलीय
    1969       कृष्ण मगन सिंह         कांग्रेस
    1962       मुकुट बिहारी लाल       जनसंघ
    1957        मुकुट बिहारी लाल      भारतीय जनसंघ

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