लोहिया अस्पताल में एक पिता अपनी बेटी के जान बचाने के लिए इधर उधर भटक रहा था. तीन घण्टे तक बेचारा घूमता रहा आखिर में उसकी बेटी ने उसके हाथों में ही दम तोड़ दिया. बच्ची के पिता मिथुन पांडेय का कहना था कि मेरी बेटी की अचानक तबियत खराब हुई तो लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचा लेकिन इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने प्राइवेट दिखाने के लिए कहा. मिथुन अपने पत्नी के साथ उसको लेकर एक प्राइवेट अस्पताल पहुंचे लेकिन वहां के डॉक्टरों ने उसे फिर लोहिया अस्पताल भेज दिया. सुबह से लेकर इस डॉक्टर से लेकर दूसरे डॉक्टर तक जाने आने में तीन घण्टे गुजर गए लेकिन किसी भी डॉक्टर ने मानवता नही दिखाई और उसकी बेटी की मौत हो गई.

पिता ने लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों पर लगाया आरोप

  • जब बेटी की मृत्यु हो गई तो मिथुन पाण्डेय की पत्नी ने हंगामा काटना शुरू कर दिया.
  • मिथुन ने आरोप लगाया यदि लोहिया अस्पताल के डॉक्टर उसको पहला उपचार दे देते तो शायद बेटी की जान बचाई जा सकती थी.
  • मिथुन मूल रूप से पांचाल घाट के मोहल्ला नई कालोनी के रहने वाले है .
  • परिवार का भरण पोषण के लिए गुड गांव में काल सेंटर में नौकरी करते हैं.
  • उनकी यह पहली संतान थी. बेटी की मौत के बाद पूरा परिवार टूट गया है. 
    • जबकि लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर बाई पी सिंह ने बताया कि यह कल अपनी बेटी को किसी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया था.
    • जब बच्ची में बचाने के लिए कुछ नही बचा तो लोहिया अस्पताल भेज दिया.
    • जब उसकी मौत दो घण्टे पहले हो चुकी तो इलाज कैसे किया जाता.
    • उधर लोहिया अस्पताल के आस पास अस्पतालों की मंडी बनी हुई है.
    • सभी प्रसव से लेकर बच्चों का इलाज भी करते हैं लेकिन किसी के पास पर्याप्त साधन नही है. 
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