सरकार आमजन की समस्याओं के निपटारे के लिये तहसील दिवस, सम्पूर्ण समाधान दिवस और थाना दिवस आदि का आयोजन करती है ताकि एक जगह जनपद और तहसील के सभी अधिकारी बैठकर आमजन की समस्याओं को सुनें और उनका समाधान करें लेकिन इसके ठीक उलट जनपद गाजीपुर में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस का अधिकारी माखौल उड़ाते नजर आये और लोगों की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान निकालने की बजाय मोबाइल में व्यस्त दिखे। जब इसकी शिकायत सदर एसडीएम उनके इस कृत्य के बारे में बताया गया तो इस पर एक्शन लेने के बजाय उनकी वकालत करने लगे।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में मंगलवार को समाधान दिवस का आयोजन किया गया था। जिसकी अध्यक्षता एसडीएम सदर विनय कुमार गुप्ता कर रहे थे। अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर फरियादी अपनी फरियाद सुनाने पहुंचे थे। अपनी समस्याएं अधिकारियों को बताना चाहते थे ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। इस दौरान जनपद के कई जिम्मेदार अधिकारी इस समाधान दिवस में लोगों की समस्याओं के निस्तारण के लिये बैठे हुये थे परन्तु ये अधिकारी फरियादियों की समस्याओं को सुनते हुए कम बल्कि मोबाइल पर ज्यादा व्यस्त नजर आये जैसे कि इन्हें बस कागजी कोरम पुरा करना है और चले जाना है। मानों ऐसा लगा जैसे कि इनको जनता की समस्याओं से कोई भी लेना-देना ही नहीं है।
जब इस मामले पर सदर एसडीएम विनय कुमार गुप्ता से बात की गयी तो उन्होंने मीडिया पर ही सारा दोष मढ़ते हुए कहा कि आप लोग बार-बार इस चीज को दिखाते हैं पर इस समय सभी चीजें ऑनलाइन हैं और तमाम व्हाट्सएप ग्रुप हैं जिनमें निर्देश आते रहते हैं इसलिए ये अधिकारी मोबाइल देख रहे थे। अब एसडीएम महोदय को कोई कैसे समझाये की यदि आमजन की समस्याओं का समाधान ऑनलाइन हो जाता तो वो इनसे अपनी समस्या लाइन लगाकर क्यों कहते। अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर दूर-दूर से पहुंचे ग्रामीण साहब जी के फोन रखने का इंतजार कर रहे थे ताकि साहब उनकी समस्याओं को सुने तथा उसका निस्तारण मिल सके।

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