वाराणसी पुल हादसे में पिछले दिनों सात इंजिनियर और एक ठेकेदार को गिरफ़्तार को हादसे के 70 दिन बाद गिरफ़्तार किया गया. अभियंताओं की हुई गिरफ़्तारी के विरोध में आज उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम में सेतु अभियंताओं का धरना दे रहे है.

एक तरफ़ा कार्रवाई हुई है:

सेतु अभियंताओं के संगठन के अध्यक्ष एसपी गुप्ता के मुताबिक अभियंताओं पर एकतरफा कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार किया गया है जबकि इस घटना में जिला प्रशाशन व ट्रैफिक पुलिस भी जिम्मेदार है। अभियंताओं का दावा कि है सेतु निगम की तरफ से प्रशासन को ट्रैफिक डाइवर्ट करने के विषय में पत्र  लिखा गया  था मगर जिला प्रशासन ने उसे नज़रंदाज कर दिया और कोई एक्शन नहीं लिया.

किनकी हुई है गिरफ़्तारी:

गिरफ़्तार इंजीनियरों में तत्कालीन मुख्य परियोजना प्रबंधक हरिश्चंद्र तिवारी, पूर्व मुख्य परियोजना प्रबंधक गेंदा लाल, परियोजना प्रबंधक- कुलजश राय सूदन, सहायक अभियंता राजेंद्र सिंह, सहायक अभियंता (यांत्रिक/सुरक्षा) राम तपस्या सिंह यादव, अवर अभियन्ता (सिविल)- लालचंद सिंह, अवर अभियंता (सिविल)- राजेश पाल सिंह और ठेकेदार साहेब हुसैन शामिल हैं. इन सभी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है.
बता दे की 15 मई, 2018 की शाम को वाराणसी में कैंट रेलवे स्टेशन के पासराज्य सेतु निगम द्वारा बनाए जा रहे चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर पिलर संख्या 79 और 80 के बीच का हिस्सा अचानक गिर जाने से लगभग कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई थी तथा 11 अन्य घायल हो गए थे.
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