सरकार जहाँ एक और बालिकाओं के विकास और उच्च शिक्षा की बात कर रही है वही छावनी की कुछ बालिकाओं को ठीक से भर पेट नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही होस्टल में रहने वाले बुजुर्गों को पूछने वाला कोई नहीं। ऐसे में वो अकेले में बैठकर रोने को मजबूर हैं। इसमें भी दिलचस्प बात ये है की इस मामले की शिकायत बोर्ड बैठक में निर्वाचित सदस्यों ने की कई बार की है लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जिसका खामियाजा मजबूर बुजुर्ग और बालिकाएं भुगत रही है।

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बुजुर्गों को दे रहे थे आधा पेट खाना

  • छावनी परिषद के वृद्धाश्रम और बालिका आवासीय हास्टल में मैन्यू के अनुसार खाना नहीं मिल रहा है।
  • वृद्धजनों और बालिकाओं को सुबह आलू के पराठे की जगह दो तोश्त और चाय दी जा रही है।
  • खाना भी भरपेट नहीं मिल रहा। केवल दो रोटी, चावल और दाल मिल रही है।
  • इस मामले की शिकायत बोर्ड बैठक में निर्वाचित सदस्यों ने की।
  • जिसके बाद 3700 रुपये प्रति व्यक्ति के खाने का ठेका लेने वाली कंपनी के ठेके को विस्तार नहीं दिया गया।

छावनी के भूमिगत जलाशय की होगी तकनीकी जांच

  • आपको बता दें कि छावनी परिषद में जल्दी ही  कुछ नए बदलाव नज़र आएंगे व्.
  • इसमें छावनी परिषद कर्मचारियों को नई वर्दी मिलेगी।
  • साथ ही वॉकिंग प्लाजा पर दो स्थानों पर वाटर कूलर भी लगवाने की तैयारी है।
  • परिषद निजी कंपनी की मदद से कैंट जनरल अस्पताल और मंगल पांडेय रोड पर दो वाटर एटीएम लगाएगा।
  • मीट मार्केट का जीर्णोद्वार होगा। जिसके तहत नए सिरे से बाजार बनेगा।
  • वही 15 जुलाई से पहले मवेशी को गोकुलनगरी शिफ्ट करने की भी तयारी है।
  • पिछले साल मई में शुरू हुए भूमिगत जलाशय के बावजूद लोगों को जलसंकट झेलना पड़ रहा है।
  • रीना सिंघानियां, प्रमोद शर्मा और उपाध्यक्ष अंजुम आरा सहित अन्य सदस्यों ने इसकी जांच की मांग की।
  • जिस पर जीओसी मेजर जनरल शर्मा ने एक तकनीकी जांच कराने के आदेश दिए।
  • यह जांच गैरिसन इंजीनियर कर्नल निखिल सक्सेना करेंगे।
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