लखनऊ विकास प्राधिकरण में लगातार कई वर्षों से गड़बड़ी करने वाले दागी अधिकारियों के तबादले होना शुरू हो गए हैं। हालांकि तबादले के लिए नीति को आधार बताया जा रहा है लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि तबादले की सूची में कई ऐसे अधिकारी हैं जिन पर तमाम तरह के गंभीर आरोप लगे। इनमें एक तरफ शहर में अवैध निर्माण कराने के आरोपी अधिकारी शामिल हैं तो दूसरी तरफ लैंडयूज बदलवाने के आरोपी चीफ टाउन प्लानर भी शामिल हैं।

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इन पर लगे अवैध निर्माण के आरोप

  • अधिशासी अभियंता अजय सिंह व अवनींद्र सिंह पूर्व वीसी सत्येन्द्र सिंह के कार्यकाल में प्रवर्तन अधिकारी के रूप में नियुक्त रहे।
  • आरोप हैं, गोमती नगर में बड़ी संख्या में आवासीय भवनों का कॉमर्शियल प्रयोग शुरू हो गया।
  • वहीं, कई बिल्डिंगें भी स्वीकृत मानचित्र के विपरीत बनकर तैयार हो गईं।
  • संबंधित अधिकारियों ने रुपए लेकर मामले को दबाने का प्रयास किया।
  • बावजूद इसके इनकी शिकायतें एलडीए तक पहुंची। लिहाजा इन्हें इस कार्य से मुक्त कर दिया गया।
  • रोहित खन्ना पर लोहिया पार्क में झील व फाउंटेन आदि लगाने में गड़बड़ी किये जाने के आरोप लगे।
  • उप सचिव केके सिंह पर आरोप लगे कि उन्होंने गोमती नगर विस्तार में सुलभ आवास योजना में गड़बड़ी की।
  • उन्होंने 40 के करीब लैट बिना किसी लॉटरी के अपने चहेतों को दिए।
  • इस दौरान उन्होंने तीन करोड़ रुपए बटोरे जिसकी खूब बंदरबांट हुई।
  • वहीं, अपर सचिव सीमा सिंह के बारे में कहा जाता है कि वह पूर्व सरकार की कृपा पात्र रहीं।
  • इसलिए उन्होंने जो भी किया था उस पर कोई सवाल नहीं खड़े हुए।
  • चीफ टाउन प्लानर जेएन रेड्डी पर भी कई तरह की गड़बडिय़ां करने के आरोप लगे।
  • बताया जाता है कि उन्होंने पूर्व वीसी सत्येन्द्र सिंह, पंधारी यादव सहित कई लोगों के भवनों का लैंडयूज बदलने का प्रस्ताव पेश किया।
  • वहीं, उन्होंने शालीमार व एमटेक गु्रप जैसी प्राइवेट क पनी को लाइसेंस जारी किए और खूब लाभ कमाया।
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