गड्ढामुक्त अभियान के तहत अमेठी में दुरुस्त सड़कों की जांच दस दिसम्बर यानी आज से बीस दिसम्बर के बीच होगी अनियमितता या गड्ढे पाए जाने पर जांच टीम शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसको लेकर पीडब्ल्यूडी अधिकारियों में हड़कंप मचा है। आनन-फानन सभी प्रखंड के अधिकारी सौ फीसद अवमुक्त धनराशि वाली सड़कों में जहां तहां छोटे बड़े गड्ढे भरने में जुट गए हैं।

अधिकारी करेंगे सड़को की जांच

  • शासन ने 15 जून तक सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिए थे समय सीमा के बाद भी बजट आवंटित कर सड़कों को दुरुस्त करने का काम चलता रहा।
  • पीडब्ल्यूडी अधिकारी समय समय पर शासन के समक्ष यहां की जमीनी हकीकत को आंकड़ों के जरिए समझाते रहे।
  • मिली जानकारी के मुताबिक, शासन ने निर्णय लिया है कि दस दिसंबर यानी आज से बीस दिसम्बर के बीच लखनऊ से उच्चाधिकारी मौके पर पहुंच कर सड़कों के हालात का जायजा लेंगे।
  • उनमें वह सड़कें होंगी जिसके निर्माण के लिए शासन ने सौ फीसद बजट आवंटित किया था।
  • जिले में लोक निर्माण विभाग की ओर से कराए गए सड़क निर्माण को लखनऊ से आने वाली टीम ज्यादातर मौके पर पहुंचकर गड्ढे और कराए गए कार्य की गुणवत्ता परखेगी।

दिखावा बन कर रह गया यह अभियान

  • स्कूल वाहन चालक दद्दन मिश्रा का कहना है कि गड्ढामुक्ति अभियान के तहत जिन भी सड़कों पर कार्य हुआ वह केवल दिखावा ही रहा जनपद के कई मार्ग काफी व्यस्त रहते है।
  • छात्र से लेकर राहगीरों तक का आना-जाना लगा रहता है।
  • इसके गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं।
  • इस पर विभागीय लापरवाही भारी पड़ रही है।
  • नन्द किशोरी त्रिपाठी का कहना है कि आज भी सड़क में गड्ढे बराबर बने हैं।
  • सबसे ज्यादा समस्या बच्चों को होती है।
  • कार्य होता भी है तो महज कोरम पूरा करने जैसा इस बार प्रशासन को कड़ाई से ध्यान देकर सड़क को दुरुस्त करना चाहिए।
  • यह मुद्दा काफी पुराना हो चुका है, फिर भी विभागीय लापरवाही कायम है।
  • रमेश मिश्र का कहना है कि सड़क पर रोक होने के बाद भी भारी वाहनों का प्रवेश नहीं रुक रहा है सड़क बनती है और टूट जाती है।
  • गड्ढे के चलते आए दिन लोग उसमें गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
  • मांग के बाद भी सड़क की मरम्मत के प्रति विभागीय कार्रवाई न होने से लोगों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है।
  • समाजसेवी इक़बाल हैदर का कहना है कि जिले में बनी कई जगहों पर सफर करना आसान नहीं है।
  • दिन में तो बच-बचाकर किसी तरह से लोग निकल जाते हैं पर रात में काफी परेशानी होती है।
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