[nextpage title=”लखनऊ मेट्रो” ]
राजधानी में मेट्रो अब जल्द ही रफ्तार भरने वाली है. इसकी तैयारियां तेज हो गई हैं.पांच सितंबर को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. वे इसके पहले वो लखनऊ मेट्रो की सवारी भी करेंगे. लेकिन इस बीच लखनऊ मेट्रो की कई कई खासियत (lucknow metro specialties) बता रहे हैं जो अन्य मेट्रो से खुद को अलग करती है.
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गृह मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी करेंगे सवारी:
- मेट्रो उद्घाटन के सिलसिले में 8.5 किलोमीटर के इस रुट पर दीवाली जैसा नज़ारा दिखना हुआ शुरू हो गया है.
- मेट्रो ट्रेन में सीएम और गृहमंत्री सफर करेंगे उसे विशेष तरीके से सजावट की जा रही है.
- योगी आदित्यनाथ और राजनाथ सिंह पहली बोगी में बैठकर ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग तक नॉनस्टॉप यात्रा करेंगे.
- इस बीच स्टेशन पर यात्रियों को मेट्रो की ऑटोबायोग्राफी सुनाई देगी.
- मेट्रो स्टेशन पर सुनाई देने वाले स्पेशल मेट्रो रेडियो के ज़रिये ये ऑटोबायोग्राफी सुनाई जाएगी.
- मात्र दो दिन (lucknow metro) में 1305 स्मार्टकार्ड बिक गए हैं.
- आम लोगों के लिए मेट्रो की सेवा 6 सितम्बर से शुरू की जाएगी.
लखनऊ मेट्रो की खासियत:
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- वहीँ लखनऊ मेट्रो की खूबियों की बात करें तो ये कई मायनों में अन्य मेट्रो से अलग है.
- लखनऊ मेट्रो की सवारी के दौरान आपको लखनऊ का रंग सहज ही दिखाई देगा.
- हर स्टेशन पर लखनऊ का नवाबी रंग आपको दिखाई देगा.
- सीनियर सिटीजन के लिए स्टेशन पर कम ऊंचाई वाले टिकट काउंटर होंगे.
- मेट्रो की 4 कोचों में एक हजार से अधिक लोग सवारी कर सकेंगे.
- सभी स्टेशनों पर अनपेड एरिया में फ्री टॉयलेट सुविधा होगी.
- जबकि कुछ महीनों के बाद लखनऊ मेट्रो में 10 मिनट की WIFI सुविधा भी शुरू होगी.
दिव्यांगों के लिए खास इंतजाम
- लखनऊ मेट्रो की कुल 23 में से 19 महिला पायलट होंगी.
- ड्राइवरलेस ट्रेनों के लिए रास्ते तैयार करने के लिए CBTC का इस्तेमाल किया जायेगा.
- कण्ट्रोल वॉइस सिस्टम के जरिए तेज आवाज को कण्ट्रोल किया जायेगा.
- स्टेशन पर एस्क्लेटर्स स्टेयर्स में कपड़ा फंस जाने पर इमरजेंसी बटन आपकी मदद करेगा.
- वहीँ पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पेड़-पौधों को भी लगाया जा रहा है.
3 साल में बनी मेट्रो:
- 3 साल में बने इस मेट्रो में दिव्यांगों के लिए खास इंतजाम किये गए गए हैं.
- विशेष प्रकार की टाइल्स स्टेशन पर बनाई गई है जिसकी मदद से यात्री प्लेटफॉर्म तक जायेंगे.
- टिकट की जाँच QR कोड के जरिये की जाएगी.
- मेट्रो को बनाने में 4 हजार मजदूर, 790 दिन और 2 करोड़ 53 लाख 16 हजार रुपए रोजाना खर्च हुआ.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.