लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन ने ट्रान्सपोर्ट नगर मेट्रो डिपो में बनाये गये आटोमेटिक ट्रेन वाशिंग प्लाण्ट को सफलतापूर्वक चालू किया। इस सुविधा के माध्यम से डिपो से अन्दर आने एवं बाहर जाने वाली मेट्रो ट्रेनों को डिपों के अन्दर स्थित आपरेशन कण्ट्रोल सेण्टर से रिमोट कण्ट्रोल का उपयोग करते हुये रैम्प पर आटोमेटिकली साफ किया जा सकता है।
आरओ के पानी से साफ होगी मेट्रो
- लखनऊ मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि वाशिंग प्लाण्ट में ट्रेन की साईड वाल को साफ करनें के लिये एक घूमती हुई प्लास्टिक ब्रुश है।
- पहले ट्रेनों को रिसाईकिल्ड पानी से भिगोया जाता है फिर आटोमेटिकली घूमने वाली ब्रुशों से साबुन के पानी के साथ रगड़ा जाता है।
- इसके बाद खाली पानी से साफ किया जाता है तथा अन्त में आर0ओ0 वाटर से साफ किया जाता है।
- ट्रेन को साफ करने के बाद एयर ब्लोअर्स के माध्यम से ट्रेन की सतहों को सुखाया जाता है।
- यह प्लाण्ट इस तरह से बनाया गया कि ट्रेनों को तीन दिन में एक बार धोया जा सके।
- ट्रेन की गति के मनोभावों को समझकर आटोमेंटिकली प्लाण्ट का आपरेशन शुरू हो जाता है।
- प्लाण्ट की कम से से कम वाशिंग क्षमता प्रत्येक दिन में 25 ट्रेन डिब्बों को घोने की है जिसे भविष्य की जरूरतों के अनुसार बढ़ाया जा सकता है।
ट्रेन में स्पेशल वाश मोड की व्यवस्था
- ट्रेन की अन्दर की सतह की घूल को साफ करने के लिये प्लाण्ट ब्लोअर की सुविधा से भी सुसज्जित है।
- ट्रेन की सतह की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिये धोने से पहले पानी की सख्ती को दूर किया जाता है तथा मुलायम आर0ओ0 पानी को धोने हेतु उपयोग किया जाता है।
- अत्यधिक पानी के प्रयोग को दूर करने के लिये इसे दोबारा प्रयोग करने हेतु रिसाईकिल किया जाता है।
- उचित सफाई सुनिश्चित करने के बाद ट्रेनें 3-5 कि0मी0 प्रति घंटा द्रुत गति की रफतार से चलतीं हैं।
- ट्रेनों में उचित सफाई सुनिश्चित करने तथा ट्रेन की जरूरी गति बनाये रखने केे लिये ट्रेन में स्पेशल वाश मोड लगा होता है।