अगर आप राजधानी लखनऊ में रहते हैं और आपके साथ कोई अनहोनी होती है तो आप सीधे थाने जाते होंगे। राजधानी लखनऊ में एक ऐसा थाना है, जहां आपकी शिकायत पत्र पर मुहर लगाने के लिए 200 रुपए लिए जाते हैं। फिर अगले दिन आपको FIR की कॉपी दी जाती है और उसके लिए भी आपको पुलिसवालों को पहले खुश करना पड़ता है। सूबे में सत्ता परिवर्तन हुआ तो लगा कि स्थितियां पहले से अच्छी हो जाएंगी। योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बने दो महीने से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन हाताल पुरानी ही है।

दरअसल, राममनोहर लोहिया अस्पताल से दिनदहाड़े चोरों ने दो मोटर साइकिल चुरा ले गए। जिसके बाद पीड़ितों ने 100 पर फोन करके शिकायत की। करीब 10-15 मिनट पास पुलिस आई और उन्हें थाने में FIR के लिए बोली। उसके बाद पीड़ित विभूति खंड थाने पहुंचे। पहले तो कई बार शिकायत पत्र को वापस लौटाया और फिर बाद में मुहर लगाने के लिए 200 रुपए भी मांगे और FIR दर्ज करने के नाम पर अगले दिन आने के लिए बोला।

https://www.youtube.com/watch?v=UwsUsKJ3rwE&feature=youtu.be

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले लखनऊ के आईजी जोन ए सतीश गणेश और डीआईजी प्रवीण कुमार ने जोन सभी कप्तानों के साथ बैठक कर अपराध पर लगाम लागने का निर्देश दिया था। अपराध पर लगाम लगाना तो दूर, पुलिस वाले शिकायत पत्र पर मुहर लगाने के बदले 200 रुपए की मांग कर रहे हैं।

बहरहाल, अब देखने वाली बात होगी लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने पदभार संभाते समय कहा था कि लखनऊ की पुलसिंग को और बेहतर करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। अब देखने वाली बात होगी कि एसएसपी दीपक कुमार शिकायत पत्र पर मुहर लगाने के नाम पर 200 रुपए मांगने वाले विभूति खंड थाने के पुलिसकर्मी पर क्या कार्रवाई करते हैं।

गौरतलब है कि, अभी हाल ही में uttarpradesh.org अपने रियलिटी चेक में दिखाया था कि लखनऊ के ज्यादातर चौकियों में रात होते ही ताले लग जाते हैं। जिसके बाद आईजी के निर्देश पर लखनऊ पुलिस ने मामले की जांच एसपी पूर्व को सौंप दिया था, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी चौकियों से नदारद रहने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई लखनऊ पुलिस ने नहीं की है।

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