अभी तक आपने मस्ती की पाठशाला तो खूब सुनी होगी। लेकिन राजधानी लखनऊ की मलिन बस्तियों में इठाई की पाठशाला (ithai ki pathshala) के माध्यम से शिक्षा की अलख जगाई जा रही है। इस पाठशाला में मलिन बस्ती के उन बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है, जिन्होंने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा है।

क्या है इठाई का मतलब?

  • इठाई का मतलब होता है सच्चा मित्र।
  • इठाई पाठशाला और इठाई सेवा समिति से जुड़े लोग सबसे पहले मलिन बस्ती के बच्चों से दोस्ती का हांथ बढ़ाते हैं।

  • यहां यह बताने का प्रयास करते हैं कि जीवन के सपनों को पूरा करने के लिए शिक्षा ही पहला कदम है।
  • पाठशाला की संचालिका डॉ. किरण दीक्षित बताती हैं कि झुग्गी एवं मलिन बस्तियों में रहने वाले अधिकतर लोग रोजी-रोटी कमाने के लिए बाहर से मजदूरी करने के लिए आते हैं।
  • वे अपने बच्चों के भविष्य से बेपरवाह रहते हैं।

  • बच्चों को स्कूल भेजना उन्हें फिजूल खर्ची और समय की बरबादी लगती है।
  • इठाई पाठशाला से जुड़े लोग इन मजदूरों के बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करने का बीड़ा उठाया है।
  • प्रथम चरण में लखनऊ के मानसरोवर योजना और औरंगाबाद बिजनौर रोड पर इठाई की पाठशाला नाम से स्कूल संचालित किया जा रहा है।

  • यहां प्रतिदिन शाम 5.30 से 7.30 बजे तक बच्चों को निःशुल्क पढ़ाया जाता है।
  • इस पाठशाला से स्वैच्छिक शिक्षा दान करने वाली महिलाओं की पूरी टीम जुड़ी है।
  • इस कार्य में लगी सुधा सिंह और गीता श्रीवास्तव का कहना है कि उनके प्रयत्न सार्थक परिणाम ला रहे हैं।

  • बच्चों का रुझान बढ़ रहा है।
  • इठाई पाठशाला भविष्य में अपना विस्तार भी कर सकती है।

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