घायल पशुओं का अस्पताल ‘एसपीसीए‘ (SPCA Jeev Aashraya) की जर्जर इमारत आने वाले समय में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में होगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत शर्मा ने पिछले माह 18 अगस्त 2017 को अस्पताल बनवाने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह और प्राविधिक शिक्षा व चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन को पत्र लिखकर पशु चिकित्सा सहायता केंद्र के भवन निर्माण के लिए विधायक निधि से धन देने की मांग की।

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तीन मंजिला बनेगी पशु अस्पताल की इमारत

  • पशुओं के अस्पताल ‘एसपीसीए’ के सेंटर मैनेजर विक्रांत ने बताया कि अस्पताल के लिए जमीन चिंहित हो गई है।
  • अधिकारियों ने (SPCA Jeev Aashraya) इसका निरीक्षण भी कर लिया है।
  • पेपर मिल कॉलोनी ने अवैध कब्जेदारों को भी कब्ज़ा छोड़ने के निर्देश दे दिए गए हैं।
  • आने वाले समय में ये तीन मंजिला इमारत बनके तैयार हो जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि उनके यहां करीब 4-5 कुत्ते भर्ती होते हैं।
  • इन कुत्तों को जहां से लाया गया है और छोड़ा गया है इसका पूरा रिकॉर्ड उनके पास में दर्ज रहता है।
  • उन्होंने कई तस्वीरें भी दिखाईं इनमें ख़राब स्थित में लाये गए कुत्ते और इलाज के बाद उनकी स्थिति को दिखाया गया है।
  • उनके मुताबिक पिछले दो साल में करीब 2500 कुत्तों को सही किया जा चुका है।
  • विक्रांत ने बताया कि अस्पताल में अभी अव्यवस्था है।
  • यहां की बिजली भी बिल ना जमा होने से काट दी गई इससे दिक्कत हो रही है।
  • नगर निगम फंडिंग नहीं कर रहा है सब काम डोनेशन के आधार पर चल रहा है।

SPCA Jeev Aashraya Hospital New Hydrabad lucknow

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पशु कल्याण के लिए एसपीसीए कर रहा ये काम

  • SPCA द्वारा लखनऊ जिले के लावारिस गाय, बछड़ा, बैल, पक्षी, कुत्ता, हिरण, बंदर आदि पशुओं का उपचार व देखभाल की जाती है।
  • जो पशु वाहन दुर्घटना या किसी बीमारी से ग्रस्त होते हैं, उन्हें मौके पर जाकर ही चिकित्सा लाकर उपचार व पुनर्वास किया जाता है।
  • पशुओं की चिकित्सा देखभाल के साक्ष्य के रूप में फोटोग्राफ (इलाज से पहले, इलाज के बाद) लिए जाते हैं।

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ये होता का व्यय

  • चिकित्सा के लिए आवश्यक दवाएं व सर्जिकल आइटम इस पर खर्च होता है।
  • एंबुलेंस दुर्घटना ग्रस्त पक्षियों को मौके पर इलाज के लिए उपरांत चिकित्सालय पर लाने के लिए।
  • एम्बुलेंस के रख-रखाव, डीजल व ड्राइवर के वेतन पर खर्च होता है।
  • पशुओं के खान-पान पर खर्च होता (SPCA Jeev Aashraya) है।
  • बिजली बिल बिजली से चलने वाले उपकरणों की मरम्मत पर खर्च होता है।
  • इस कार्य को संपादित करने के लिए आवश्यक स्टाफ के वेतन इत्यादि पर खर्च होता है।

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विधायक निधि से मांगे गए 98.82 लाख रुपये

  • मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत शर्मा द्वारा लिखे गए पत्र में बताया गया है कि SPCA लखनऊ के जिलाधिकारी अध्यक्ष हैं।
  • तथा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, सचिव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, प्रभागीय वनाधिकारी, नगर आयुक्त व अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत सदस्य हैं।
  • इसके अलावा 7 गैर सरकारी सदस्य हैं, जो कि पशु कल्याण क्षेत्र में विशिष्ट योगदान रखते हैं।
  • उनका नामांकन राज्य सरकार द्वारा (SPCA Jeev Aashraya) किया जाता है।
  • जिले में एसपीसीए द्वारा दुर्घटनाग्रस्त लावारिस पशुओं का उपचार व देखभाल भली-भांति की जा रही है।
  • वर्तमान में एचपीसीए का जो भवन बना हुआ वह काफी जीर्ण-क्षीर्ण अवस्था में है।
  • इस भवन के निर्माण के लिए निर्णयदायी संस्था द्वारा प्रांकलन तैयार किया गया है जो कि 98.8 दो लाख का है।
  • उन्होंने विधायक निधि से ये रकम देने की मांग की है।

कान्हा उपवन को क्यों नहीं मिल रहा अनुदान

  • बता दें कि जीवाश्रय संस्था द्वारा एसपीसीए और कान्हा उपवन को चलाया जा रहा है।
  • ये संस्था मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा बीस्ट यादव की है।
  • बताया जा रहा है कि जहां कान्हा उपवन में पशुओं को खाने के लिए चारा नहीं है।
  • वहीं एसपीसीए का हाल ठीक ठाक है।
  • पिछले दिनों कान्हा में भूसा तक पैसे के आभाव में ख़त्म हो चुका है।
  • गोसेवा आयोग के जन सूचना अधिकारी डॉ संजय यादव की सूचना दिनांक 23 मई 2017 के अनुसार कान्हा उपवन, नादरगंज, लखनऊ का संचालन करने वाले जीव आश्रय गोशाला को वर्ष 2013-14 में 1.25 करोड़, 2014-15 में 1.46 करोड़, 2015-16 में 2.58 करोड़ तथा 2016-17 में 2.56 करोड़ अर्थात कुल 7.85 करोड़ रुपये की सहयोग राशि दी गयी थी।
  • सूचना के अनुसार पहले यह अनुदान कृषि विपणन विभाग के शासनादेश दिनांक 03 अक्टूबर 2006 के अनुसार दिया जाता था।
  • अनुदान मिलने में विलम्ब होने के आधार पर इस शासनादेश को 08 जनवरी 2016 को बदल दिया गया।
  • लेकिन दोनों शासनादेश में गोसेवा आयोग द्वारा प्रेषित प्रस्ताव पर निदेशक, पशुपालन विभाग की संस्तुति पर ही अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है।
  • इसके विपरीत डॉ. वीके सिंह, संयुक्त निदेशक, गोशाला, पशुधन विभाग द्वारा दी गयी सूचना दिनांक 05 मई 2017 के अनुसार मात्र वर्ष 2016-17 में पशुधन विभाग की संस्तुति ली गयी।
  • कान्हा उपवन के इंचार्ज यतेंद्र त्रिवेदी हैं जो यहां की सारी देखरेख करते हैं।
  • सूत्रों के मुताबिक, जब अधिकारी निरीक्षण करते हैं तो उन्हें फ्रंट वाली गौशाला में दुधारू पशु और अन्य पशु दिखाकर बेहतर व्यवस्था की खानापूर्ति कर दी जाती है।
  • लेकिन पीछे की साइड बाड़ों में पशुओं के बैठने तक की जगह नहीं है।
  • तादात से ज्यादा इन बाड़ों में पशु कैद किये गए हैं।
  • इनको खाने तक को उचित मात्रा में कुछ नहीं दिया जाता है।
  • वहीं कान्हा उपवन के जिम्मेदार कहते हैं कि सरकार और नगर निगम द्वारा कोई सहायता नहीं दी जाती है।
  • नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि पशुओं के खाने के लिए सब दिया जाता है।
  • अब (SPCA Jeev Aashraya) ऐसे में किसकी बात मानी जाये यह समझ से परे है।

SPCA Jeev Aashraya

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