• पीजीआई परिसर में तेजी से स्वाइन फ्लू फैल रहा है। पीजीआई के एक हृदय रोग विशेषज्ञ और मासूम को स्वाइन फ्लू हो गया है। डॉक्टर पीजीआई में ही भर्ती हैं। वहीं, गोमती नगर में मां-बेटे स्वाइन फ्लू से पीड़ित हैं। इन चार के अलावा 12 अन्य लोग भी स्वाइन फ्लू से पीड़ित हैं। राजधानी में स्वाइन फ्लू मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती हुई 134 पहुंच गई है। एक शिक्षक की मौत भी हो चुकी है।
  • डिप्टी सीएमओ डॉ. केपी त्रिपाठी ने बताया कि पीजीआई कैंपस पर स्वाइन फ्लू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। पीजीआई परिसर निवासी कॉडियोलॉजी के एक डॉक्टर (45) को स्वाइन फ्लू होने के बाद संस्थान में ही भर्ती रखा गया है। वहीं, परिसर में ही रहने वाले एक कर्मचारी का मासूम बेटा (पांच) भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद से वहीं पर भर्ती है। बताते चलें कि दो दिन पहले ही कॉर्डियोलॉजी के डॉक्टर की पत्नी को भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। उनका घर पर ही इलाज चल रहा है। इसके अलावा न्यूरो के एक वरिष्ठ डॉक्टर भी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ चुके हैं। यह सभी लोग पीजीआई परिसर में रहते हैं।
  • मां-बेटे भी चपेट में
    गोमती नगर के वरदान खंड निवासी मां (52) और बेटे (23) भी स्वाइन फ्लू से पीड़ित हैं। इन दोनों की जांच केजीएमयू में हुई थी। दोनों ही डॉक्टरों की सलाह पर घर पर हैं। इसके अलावा गोमती नगर विनय खंड के बुजुर्ग (67), विजय खंड के ढाई माह के मासूम, बीकेटी देवरी रुखारा की युवती (18), तेलीबाग सैनिक नगर के बुजुर्ग (70), ओमेक्स सिटी की वृद्धा (67), यामीना नगर के मासूम (चार), हुसैनगंज तिलपुरवा की युवती (39), आलमबाग कृष्णापल्ली निवासी मासूम (सात), पिकनिक स्पॉट रोड के बुजुर्ग (69), बंगला बाजार रजनीखंड के एक साल के बच्चे, रायबरेली रोड शीतल खेड़ा की छह साल की बच्ची स्वाइन फ्लू से पीड़ित हैं, जबकि वृंदावन कॉलोनी के पुरुष (50) स्वाइन फ्लू की पुष्टि पर पीजीआई में भर्ती हैं।
  • 18 दिन में 105 मरीज
    सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि जनवरी से 18 फरवरी तक कुल 134 मामले स्वाइन फ्लू के आ चुके हैं। अहम बात यह है कि फरवरी के महज इन 18 दिनों में ही 105 स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें से इन्दिरा नगर के एक शिक्षक की मौत भी फरवरी में ही हो चुकी है। जबकि जनवरी में महज 29 लोगों को ही स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी।
  • स्वाइन फ्लू के लक्षण
    स्वाइन फ्लू में मरीज को सर्दी, जुकाम, गले में खरास एवं बुखार होता है। आंखों में तेज जलन, पानी आता है। गले में दर्द के साथ सांस लेने में तकलीफ होती है।
  • यह बरतें सावधानी
    – छींकते समय टिशू पेपर से नाक को ढके, फिर उस पेपर को कचरे में फेंकने के बजाए सावधानी से नष्ट कर दें।
    – हाथों को लगतार साबुन से धोते रहें। घर, ऑफिस के दरवाजों के हैंडल, कीबोर्ड, मेज आदि साफ करते रहे।
    – यदि आपको जुकाम के लक्षण दिखाई देते हैं तो घर से बाहर ना जाएं। दूसरों के नजदीक न जाएं।
    – यदि आपको बुखार आया हो तो उसके ठीक होने के 24 घंटे बाद तक घर पर रहें। लगातार पानी पीते रहे, जिससे डिहाईड्रेशन न हो सके।
    – जहां तक संभव हो फेसमास्क पहनें।
  • इन्हें है अधिक खतरा
    – जिन्हें सांस की बीमारी दमा है।
    – जो लोग दिल, लिवर, न्यूरोलॉजी की बीमारी है।
    – जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें ज्यादा खतरा।
    – गर्भवती महिलाओं, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दिक्कत।

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