Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

Lucknow : पूर्वांचल के कद्दावर नेता हरिशंकर तिवारी का परिवार साइकिल पर होगा सवार

lucknow-the-family-of-purvanchals-strong-leader-harishankar-tiwari

lucknow-the-family-of-purvanchals-strong-leader-harishankar-tiwari

Lucknow : पूर्वांचल के कद्दावर नेता हरिशंकर तिवारी का परिवार साइकिल पर होगा सवार

आज सपा में शामिल होगा हरिशंकर तिवारी परिवार, विनय और कुशल शंकर तिवारी ज्वॉइन कर सकते हैं Samajwadi Party , पूर्व MLC गणेश शंकर पांडेय थाम सकते हैं सपा का दामन, कुछ दिन पहले बसपा ने किया था निष्कासित

कभी पूर्वांचल की सियासत में ब्राह्मणों के नेता बनकर उभरे बाहुबली हरिशंकर तिवारी के दोनों बेटों और भांजे को पार्टी में शामिल कराकर सपा ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। एक तरफ बसपा को तगड़ा झटका दिया है तो दूसरी ओर भाजपा के लिए भी कुछ मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अखिलेश यादव पूर्वांचल में हरिशंकर तिवारी के परिवार से ब्राह्मणों को साधने की जुगत में हैं।

पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी की पूर्वांचल के ब्राह्मण समाज में अच्छी पैठ मानी जाती है। पूर्वांचल में उन्हें कभी ब्राह्मण चेहरे के तौर पर देखा जाता था। यही वजह है कि सरकारें किसी भी दल की बनती थीं, हरिशंकर तिवारी का मंत्री बनना तय होता था। वर्ष 2007 में राजेश त्रिपाठी से चुनाव हारने के बाद हरिशंकर तिवारी ने राजनीति से संन्यास ले लिया। अब उनकी विरासत को छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी ने संभाल रखा है।

वर्ष 2017 में  हाता परिवार ने अपना दमखम दिखाया और चिल्लूपार विधानसभा सीट से विनय शंकर चुनाव जीत गए। वहीं, हरिशंकर तिवारी के बड़े बेटे भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी संतकबीरनगर संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद रह चुके हैं। जबकि, गणेश शंकर पांडेय गोरखपुर-महराजगंज से स्थानीय निकाय का चुनाव चार बार जीत चुके हैं। बसपा की सरकार में वे विधान परिषद के सभापति बनाए गए थे। तीनों नेता अभी तक बसपा में थे, लेकिन इनके सपा में जाने की चर्चा के बाद बसपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

 

Related posts

नागरिक उड्डयन विभाग के उप निदेशक पर धोखाधड़ी की एफआईआर

Sudhir Kumar
6 years ago

आज का दिन सभी के लिए महत्वपूर्ण,काशी को पीएम मोदी ने सौगात दी है:सीएम योगी

UP ORG Desk
6 years ago

एसपी ऑफिस के सामने उड़ाई जा रही आचार संहिता की धज्जियाँ !

Mohammad Zahid
8 years ago
Exit mobile version