ये कुछ अजीबोगरीब है कि 17 जुलाई को लविवि में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की काउंसिलिंग होनी है लेकिन,अब तक इसकी सूचना विभागों तक को नहीं दी गई। वहीं, लविवि की प्रवेश समिति 17 से ही काउंसिलिंग कराने का दावा कर रही है। कारण, काउंसलिंग शेड्यूल के बारे में कुछ विभागों से बात की गई तो जानकारी मिली कि काउंसलिंग से संबंधित कोई भी लिखित सूचना अब तक वहां नहीं पहुंचायी गई। एक परेशानी यह भी है कि डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था में विभागाध्यक्षों के पास केवल डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी होगी।और बाकी सारा काम एडमिशन सेल ही देखेगी।

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नहीं है कोई इंतजाम

  • हर साल काउंसलिंग में आने वाली परेशानियों से भी सबक नहीं लिया जा।
  • एक बार फिर आपसी समन्वय मुश्किल होगा और छात्रों को बार-बार यहां से वहां दौडऩा पड़ेगा।
  • बीते वर्ष भी काउंसलिंग की जिम्मेदारी विभागों को दी गई थी तब भी समस्याएं आई थीं।
  • उनसे इस बार कैसे निपटेंगे, इस बात का भी कोई इंतजाम नहीं है।
  • उदाहरणस्वरूप, एक दिन में चार से पांच विभागों में पीजी की काउंसलिंग होगी और प्रवेश समिति के पास फोन मुश्किल से एक-दो ही हैं।
  • अगर विभाग को एडमिशन सेल में किसी से बात करनी है तो ज्यादातर फोन व्यस्त ही मिलते हैं।
  • छोटी-छोटी औपचारिकताओं के लिए छात्रों को एडमिशन सेल के कई चक्कर लगाने पड़ते हैं।
  • जिसमें उसका काफी समय बर्बाद हो जाता है।
  • विभागों का कहना है कि या तो एडमिशन सेल पूरी काउंसलिंग का जिम्मा अपने पास ही रखे.
  • या फिर पूरी व्यवस्था विभागों को सौंप दें। जिससे छात्रों को दौडऩा न पड़े।
  • लविवि में स्नातक काउंसलिंग के केवल तीन दिन और शेष बचे हैं और अब भी कई विषयों में कुछ सीटें बच रही हैं।
  • इन सीटों पर सीधे दाखिले के लिए 14व 15 जुलाई को ओपेन काउंसलिंग होगी।
  • प्रो. अनिल मिश्रा ने बताया कि सभी पाठ्यक्रमों में छूटे हुए अ यर्थियों को इन दोनों दिनों में एक साथ बुलाकर सीधे दाखिले किये जाएंगे।

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