लखनऊ विश्वविद्यालय ने मंगलवार को लॉ अंतिम वर्ष का परिणाम जारी किया गया। जिसमें ज्यादातर अभ्यर्थियों के ऑप्शनल विषयों के नाम में गड़बड़ी रही। किसी ने क्रिमिनॉलजी का पेपर दिया लेकिन, उसमें साइबर लॉ छपा था जबकि जिसने साइबर का पेपर दिया तो उसके में टैक्सेशन छप कर आया। अभ्यर्थियों का दावा है कि 50 प्रतिशत छात्रों के परिणाम में यह गड़बड़ी है।  इसके विपरीत लविवि के परीक्षा विभाग का कहना है कि बस कुछ छात्रों के परिणाम में ही ये कमियां हैं। बाकी छात्रों के परिणाम नहीं है।

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परीक्षा नियंत्रक बता रहे छात्रों की गलती

  • लॉ अंतिम वर्ष का परिणाम जारी जारी होते ही छात्रों के होश उड़ गए।
  • जब उन्होंने देखा की उनके सब्जेक्ट की जगह रिजल्ट में दूसरा सब्जेक्ट है।
  • इसके लिए लविवि में पढऩे वाले एलएलबी तृतीय वर्ष के छात्र रतन गुप्ता एक उदाहरण हैं।
  • उन्होंने क्रिमिनॉलजी की परीक्षा दी लेकिन मार्कशीट में साइबर लॉ के नंबर चढ़े मिले।
  • रतन की तरह ही कृतिका गौतम ने फाइनल सेमेस्टर में साइबर लॉ का पेपर दिया।
  • लेकिन, मंगलवार को जारी हुए रिजल्ट में उन्हें टैक्सेशन के अंक चढ़े मिले।
  • लखनऊ यूनिवर्सिटी कैंपस समेत कुल 18 कॉलेजों में एलएलबी का पाठ्यक्रम संचालित है।
  • इसमें लगभग ढाई से तीन हजार छात्र हर साल फाइनल इयर की परीक्षा में शामिल होते हैं।
  • लविवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. एके शर्मा का कहना है कि छात्रों ने परीक्षा फॉर्म में जो वैकल्पिक विषय भरा उसकी परीक्षा न देते हुए दूसरे विषय की परीक्षा दी जबकि हमारे पास परिणाम परीक्षा फॉर्म के डेटा के आधार पर बनाया जाता है।
  • इसलिए यह गड़बड़ी हुई है। छात्रों का दावा है कि उन्होंने जो विषय भरा था उसी की परीक्षा दी है।
  • परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि अभी यह रिजल्ट ऑनलाइन जारी किया गया है।
  • जिसकी मार्कशीट भी ऑनलाइन ही है।
  • ऐसे में जिन अभ्यर्थियों के परिणाम में भी इस तरह की गड़बड़ी है वह ऑनलाइन मार्कशीट की कॉपी के साथ एक अप्लिकेशन परीक्षा विभाग में दें।
  • उनकी मार्कशीट ऑनलाइन उसी दिन सही कर दी जाएगी।
  • ऐसे में जब मार्कशीट छप कर आएगी तो उसमें सही विषय छपा होगा।
  • जो एप्लिकेशन नहीं देंगे उनकी मार्कशीट में भी गलत छप कर आएगा।
  • इसलिए कॉलेज के छात्र अपने प्रिंसिपल से एप्लिकेशन को फारवर्ड भी करवा दें।
  • ताकि आगे कम से कम न दोहराया जाये।
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