उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित लखनऊ प्राणी उद्यान (Lucknow Zoo) में सोमवार 17 जुलाई को एक बुज़ुर्ग शेरनी शुभांगी की मौत हो गई. जिसके बाद अब लखनऊ प्राणी उद्यान में कुल 7 बबर शेर फैमिली और 11 टाईगर फैमिली के सदस्य ही शेष रह गए हैं.

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पोस्टमार्टम में बुढ़ापा मिला कारण-

  • लखनऊ प्राणी उद्यान (Lucknow Zoo) में आज शेरनी शुभांगी की मौत हो गई.
  • बता दें कि शेरनी शुभांगी लखनऊ प्राणी उद्यान की सबसे बुजुर्ग शेरनी थी.
  • पिछले कई महिनों से 22 साल की ये शुभांगी बुढापे के चलते लाचार हो गई थी.

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  • शुभांगी की लाचारी को देखते हुए ही इसे बोनलेस मटन दिया जा रहा था.
  • लेकिन बोनलेस मटन को खाने में भी इसे काफी मशक्कत करनी पड़ती थी.
  • इस शरनी को 2 साल से इसके 22 साल के बुजुर्ग बब्बर शेर साथी के साथ रखा गया था.

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  • बता दें कि हवाई जहाज के पीछे वाले बाड़े में ही इस शरनी को रखा गया था.
  • शेरनी के पोस्टमार्टम में बुढापे को ही उनकी मौत की वजह पाया गया है.
  • दरअसल बुढ़ापा के चलते इस शेरनी के कई अंग शिथिल पद गए थे.
  • जिसके चलते आज इसकी मृत्यु हो गई.
  • इस शेरनी के बाद लखनऊ जु में अब सिर्फ 7 बबर शेर फैमिली और 11 टाईगर फैमिली के सदस्य ही बाकी बचे हैं.

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एक अप्रैल 2003 को पंजाब से लखनऊ ली गई थी शुभांगी-

  • नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में आज एक वृद्ध शेरनी की मौत हो गई है.
  • ये शेरनी एक अप्रैल 2003 को पंजाब के छतबीर प्राणि उद्यान से लखनऊ चिड़ियाघर लाई गई थी.
  • तब इस इस शेरनी की उम्र लगभग 6 वर्ष थी.

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  • प्राणी उद्यान के निदेशक अनुपम गुप्ता ने बताया कि शुभांगी नामक शेरनी की मौत हो गई है.
  • इसे छह साल की उम्र में छतबीर प्राणि उद्यान से यहां लाया गया था.
  • उन्होंने बताया कि शुभांगी पिछले कुछ महीनों से वृद्वावस्था के कारण बीमार चल रही था.
  • निदेशक ने बताया कि शेरनी की उम्र लगभग 17 से 18 साल होती हैै.

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  • प्राणि उद्यान में डाक्टरों एवं कीपरों द्वारा इसकी विशेष देखभाल की जा रही थी.
  • इसे खाने के लिये बिना हड्डी वाला साॅफ्ट माॅस दिया जा रहा था.
  • जिससे यह आसानी से भोजन कर उसे पचा सके.
  • इसके अतिरिक्त डाक्टरों द्वारा इसे पर्याप्त मात्रा में कैलशियम, विटामिन दिये जा रहे थे.
  • इस कारण यह शेरनी सामान्य आयुकाल से अधिक जीवित रह पायी थी.

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