शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और माफियाराज ख़त्म करने के योगी सरकार के दावे फेल होते दिखाई दे रहे हैं. उन्नाव में शिक्षा माफियाओं का तांडव और विभाग की चुप्पी योगी सरकार के लिए मुसीबत बन चुकी है. उन्नाव में शिक्षा विभाग में घोटाला सामने आया है.
माफियाओं के चंगुल में उन्नाव की शिक्षा व्यवस्था:
- उन्नाव में शिक्षा विभाग में बड़ा घोटाला सामने आया है.
- हैरानी की बात ये है कि उन्नाव के टीचरों ने ही घोटाले की पोल खोली है.
- माध्यमिक शिक्षा की किताब छापने में बड़ा खेल चल रहा था.
- राजीव प्रकाशन और शिक्षा माफियाओं का खेल लगातार जारी है.
- निर्धारित पेज से कम पेजों की किताब छाप कर कमाई की जा रही है.
- किताब में 100 से 200 पेज कम छपती हैं.
- निर्धारित टेंडर से कम पेज की किताबें छापी जा रही हैं.
- पेज कम करने पर भी किताबों के दाम नहीं घटाए हैं.
- राजीव प्रकाशन के पास माध्यमिक की किताबों का टेंडर है.
- इलाहाबाद के राजीव प्रकाशन का खेल उजागर होने से शिक्षा विभाग सकते में है.
- सरकार की नाक के नीचे राजीव प्रकाशन का खेल चल रहा था.
- लेकिन शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल और सरकार इससे अनभिज्ञ रही.
शिक्षा विभाग बदहाली का शिकार:
- वहीँ दूसरी मंत्री अनुपमा जायसवाल पर बेसिक शिक्षा विभाग को न संभाल पाने का आरोप भी लगा है.
- कई स्कूलों में किताबें नहीं हैं.
- अभी तक ‘होमगार्ड यूनिफार्म‘ में छात्र कई स्कूलों में देखे जा सकते हैं.
- सत्र के 23 दिनों बाद भी किताबें नहीं पहुचीं हैं.
- बिना किताबों के प्राइमरी और सेकेंडरी के छात्र कैसे पढ़ाई करेंगे.
- सीएम ने 1 जुलाई तक किताबें मुहैया कराने का वादा किया था.
- सरकार ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं कर रही है. बेसिक शिक्षा विभाग ने 29 अगस्त तक का वक्त दिया.
- जबकि विभाग से मिलीभगत का नतीजा बच्चे भुगत रहे हैं.
- 1.65 करोड़ छात्रों को किताबें निशुल्क उपलब्ध करानी हैं.
- 53 टाइटल्स की तकरीबन सवा नौ करोड़ किताबों की सप्लाई में अभी तक 10 टाइटल्स की किताबों की शुरुआत भी नहीं हुई है.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.