एक बार फिर मैगी विवादों में है. शाहजहांपुर में एक बार फिर मैगी को लेकर विवाद गहराता दिखाई दे रहा है. जिला प्रशासन ने 45 लाख का जुरमाना नेस्ले पर ठोंका है. लैब टेस्ट में मैगी के फेल होने के कारण विवादों में कंपनी घिर गई है.ये पहला मौका नहीं है जब मैगी या कुछ अन्य खाद्य पदार्थ लैब टेस्ट में मानकों के अनुरूप नहीं उतरे.
ब्रेड भी हो चूका है टेस्ट में फेल:
- सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की एक स्टडी में यही खतरनाक सच सामने आया है.
- अधिकांश घरों में सुबह नास्ते में ब्रेड का इस्तेमाल होता है.
- ना ज्यादा मेहनत और ना ही ज्यादा समय लगता है इसके लिए.
- अकेले रहने वाले लोगों के लिए तो ब्रेड बहुत खास चीज होती है.
- सामान्यत: ब्रेड आटे या मैदे से बनते हैं.
- लेकिन सवाल ये है कि आटे से बनने वाले ब्रेड से कैंसर हो सकता है.
- समस्या आटे में नहीं बल्कि ब्रेड बनाने के लिए इस्तेमाल हो रहे केमिकल्स में है जो कि जानलेवा होते हैं.
- अधिकांश देशों में इन केमिकल्स पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चूका है.
- इसके पहले भी मैगी में लेड मिलने की ख़बरों ने देशभर में हडकंप मचा दिया था और मैगी को लेकर विश्वनीयता पर सवाल उठे थे.
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें
Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.