आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कबीर के समाधि स्थल मगहर पहुंचे हैं जहाँ उन्होंने 24 करोड़ की लागत से बनने वाले कबीर एकेडमी की आधारशिला रखी. वहीं उनके साथ इस दौरे में सीएम योगी भी शामिल हैं. 

इस दौरान सीएम योगी और प्रधानमंत्री मोदी कबीर के समाधि स्थल पर भी गये जहाँ उन्होंने चादर चढ़ा कर कबीर को नमन क्या. इसके बाद इस समय सीएम योगी जनसभा को सम्बोधित कर रहे ही.

कबीर के समाधि स्थल मगहर पहुंचे पीएम मोदी इस समय जनसभा को सम्बोधित कर रहे हैं. उन्होंने अपने सम्बोधन की शुरुआत भोजपुरी से की. उन्होंने कहा कि इस धरती पर आकर मुझे बहुत अच्छा लगा. इस धरती को नमन.

पीएम मोदी के सम्बोधन की ख़ास बातें:

-नमस्कार! साहिब बंदिगी। आज हम अपने के बड़ा सौभाग्यशाली मानत हानी की। महान सूफी संत कबीर दास जी के स्मृति में हो रहल ई आयोजन में ये पावन धरती पर आइल बाटी.

-आज महके यहां आके बहुत नीक लागत। हम ये पावन धरती के प्रणाम करत बाणी और आप सब लोगन के पाय लागी

-आज मेरी बरसों की कामना पूरी हुई है.

-संत कबीर दास जी की समाधि पर फूल चढ़ाने का, उनकी मजार पर चादर चढ़ाने का, सौभाग्य प्राप्त हुआ।

-मैं उस गुफा में भी गया, जहां कबीर दास जी साधना करते थे.

तीर्थयात्रियों को दी शुभकामनाएं:

-आज ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा है.

-आज ही से भगवान भोलेनाथ की यात्रा शुरु हो रही है।

-मैं तीर्थयात्रियों को सुखद यात्रा के लिए शुभकामनाएं भी देता हूं।

-कबीर दास जी की 500वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज से ही यहां कबीर महोत्सव की शुरूआत हुई है.

-कबीर की साधना ‘मानने’ से नहीं, ‘जानने’ से आरम्भ होती है। वो सिर से पैर तक मस्तमौला, स्वभाव के फक्कड़, आदत में अक्खड़, भक्त के सामने सेवक, बादशाह के सामने प्रचंड दिलेर, दिल के साफ, दिमाग के दुरुस्त, भीतर से कोमल बाहर से कठोर थे.

-थोड़ी देर पहले यहां संत कबीर अकादमी का शिलान्यास किया गया है।

-यहां महात्मा कबीर से जुड़ी स्मृतियों को संजोने वाली संस्थाओं का निर्माण किया जाएगा।

-कबीर गायन प्रशिक्षण भवन, कबीर नृत्य प्रशिक्षण भवन, रीसर्च सेंटर, लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, हॉस्टल, आर्ट गैलरी विकसित किया जाएगा.

-वो धूल से उठे थे लेकिन माथे का चन्दन बन गए। वो व्यक्ति से अभिव्यक्ति और इससे आगे बढ़कर शब्द से शब्दब्रह्म हो गए।

-वो विचार बनकर आए और व्यवहार बनकर अमर हुए।

कबीर के तप का किया वर्णन:

-संत कबीर दास जी ने समाज को सिर्फ दृष्टि देने का काम ही नहीं किया बल्कि समाज को जागृत किया.

-कबीर ने जाति-पाति के भेद तोड़े, “सब मानुस की एक जाति” घोषित किया, और अपने भीतर के अहंकार को ख़त्म कर उसमें विराजे ईश्वर का दर्शन करने का रास्ता दिखाया। वे सबके थे, इसीलिए सब उनके हो गए.

-ये हमारे देश की महान धरती का तप है, उसकी पुण्यता है कि समय के साथ, समाज में आने वाली आंतरिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए समय-समय पर ऋषियों, मुनियों, संतों का मार्गदर्शन मिला।

-सैकड़ों वर्षों की गुलामी के कालखंड में अगर देश की आत्मा बची रही, तो वो ऐसे संतों की वजह से ही हुआ.

बाबा साहब पर की बात:

बाबा साहब ने हमे संविधान दिया लेकिन आज लोग इन महापुरुषों को राजनीति के लिए प्रयोग करते हैं.

राजनीति कर इनका मुद्दा उठा कर अपना फायदा लेते हैं.

पिछली सरकार को अपने बंगले में रूचि थी.

सरकार अन्य मामलों में हाथ पर हाथ धरे बैठी रही.

गरीबों को झूठा दिलाशा देने वाले और बहुजन का नाम लेने लेने वालों ने झूठ बोला.

-कुछ दलों को शांति और विकास नहीं, कलह और अशांति चाहिए उनको लगता है जितना असंतोष और अशांति का वातावरण बनाएंगे उतना राजनीतिक लाभ होगा।

-सच्चाई ये है ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं इन्हें अंदाजा नहीं कि संत कबीर, महात्मा गांधी, बाबा साहेब को मानने वाले हमारे देश का स्वभाव क्या है.

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