मनकामेश्वर मठ मंदिर की महंत देव्यागिरि ने बुधवार को झलकारी बाई की जयंती पर हजरतगंज स्थित वीरांगना झलकारी बाई की जयंती पर परिसर में लगे झलकारी बाई के चित्र पर माल्यापर्ण किया। इसके साथ ही वहां पर देश की पहली महिला प्रेक्टीशियन चिकित्सक रखमाबाई राऊट की जयंती पर महिला चिकित्सकों को शॉल भेंट कर सम्मानित भी किया।


बच्ची का नाम रखा झलक

  • महंत ने बताया कि झलकारी बाई झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सेना में महिला शाखा दुर्गा दल की सेनापति थीं।
  • चूंकि झलकारी बाई लक्ष्मीबाई की हमशक्ल लगती थीं।
  • इसलिए वह आसानी से शत्रुओं को धोखा देने में सफल जो जाती थीं।
  • उनकी सूझ बूझ के चलते ही रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों से युद्ध करते हुए सुरक्षित किले से भाग सकीं।
  • झलकारी बाई की गाथा आज भी बुंदेलखंड की लोकगाथाओं और लोकगीतों में प्रचलित है।
  • उन्होंने कहा कि झलकारी बाई का जीवन महिलाओं के लिए ही प्रेरणा का स्रोत नहीं है बल्कि हर देशवासी को उनके योगदान पर गर्व है।
  • महंत देव्यागिरि ने देश की पहली महिला चिकित्सक रखमाबाई राऊत थी।
  • उनके प्रयासों से हीएज ऑफ कॉन्सेंट एक्ट, 1891 कानून बना।
  • जब वह 1895 में डाक्टर पहली महिला चिकित्सक बनकर लंदन से भारत लौटी तो उन्होंने के एक महिला अस्पताल में सबसे पहले अपनी सेवाएं देना शुरू किया।
  • उन्होंने लोगों को संदेश दिया कि लड़का-लड़की में भेद नहीं करना चाहिए।
  • झलकारी बाई की जयंती पर बुधवार को डफरिन में जन्मी एक बच्ची का नाम भी उन्होंने झलक रखा।


ये चिकित्सक हुए सम्मानित

  • डॉ.नीलाम्बर श्रीवास्तव, डॉ.सरोज श्रीवास्तव, डॉ.प्रतिभा सिंह, डॉ.शशि कुमारी, डॉ.अनीता घूसिया, डॉ.मधुर सिन्हा, डॉ.वायलेट दुबे, डॉ.एम.वी.सिंह, डॉ.विमल कुमार श्रीवास्तव, डॉ.संतोष गुप्ता, डॉ.ए.पी.श्रीवास्तव, डॉ.स्वर्णबाला तिवारी को शॉल और पुष्प देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ पुष्पलता सहित अस्पताल के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
  • मठ मंदिर के सेवादारों में जगदीश अग्रहरी, उपमा पाण्डेय, महादेव प्रसाद यादव, अभिषेक मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें