Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

मैनपुरी के लोगों को उम्मीद, एक दिन जरुर ‘काम बोलेगा’!

mainpuri district

वैसे तो अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के तमाम नेता दावा कर रहे हैं कि सूबे में अखिलेश यादव का नाम बोलता है, उनका काम बोलता है लेकिन इसके पीछे कितनी सच्चाई है और क्या अखिलेश यादव वाकई में सूबे को विकास के रास्ते पर ले जाने में कामयाब होते दिखाई दे रहे हैं. समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले मैनपुरी में विकास कार्यों के दावे पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं.

मैनपुरी वो जगह है जहाँ से मुलायम सिंह यादव सांसद बने और समाजवादी पार्टी मैनपुरी और इटावा के कई इलाकों को अभेद्य किला मानती रही है. इसकी वजह ये है कि इस जिले से सटे लगभग 12 अन्य जिलों में सपा ने लगभग 55 सीटों पर कब्ज़ा जमाया. बसपा की सरकार जाती रही और सत्ता में सपा ने जोरदार वापसी की. 5 साल के कार्यकाल के बाद अखिलेश यादव ने यूपी के हर जिले में विकास करने की बात की है. लेकिन मैनपुरी में ही लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझता हुआ देखा जा सकता है.

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जूझते मैनपुरी के लोग:

मैनपुरी में स्वास्थ्य सेवाओं दम तोड़ती नजर आ रही हैं. कैंसर पप्रभावित ये जिला एक कैंसर यूनिट के लिए बाँट जोह रहा है. इलाके में कपूरी तम्बाकू और खराब पानी ने लोगों को कैसर से जकड़ लिया जिसके कारण कई मौतें हुई हैं.

10 साल से एक कैंसर यूनिट बनकर तैयार है, लेकिन इसे जनता के लिए शुरू नहीं किया जा सका है. करीब 10 करोड़ रुपये का खर्च महंगी मशीनों के नाम पर किया जा चुका है जिनपर अब धूल जम चुकी है. कैंसर के इलाज के लिए यहाँ के लोगों ग्वालियर और अन्य शहरों में जाना पड़ता है. बीते साल करीब 3 दर्जन लोग कैंसर के काऱण अपनी जान गँवा चुके हैं.

जिला अस्पताल में गैस से चलने वाली एम्बुलेंस:

मैनपुरी के जिला अस्पताल की हालत भी कुछ खास अच्छी नहीं है. अस्पताल के बाहर खड़ी सरकारी एंबुलेंस देखकर सहज ही अन्दाज़ा लगाया जा सकता है कि इसका कितना इस्तेमाल होता होगा. गैस से चलने वाली मारुति वैन एंबुलेंस जिसकी इजाजत अब नहीं है, वो भी बाहर दिखाई देती है. समाजवादी एम्बुलेंस 108 जरूर मौके पर दिखाई देगी.

एंटीबायोटिक भी आसानी से जिला अस्पताल में उपलब्ध नही हो पाती है. जबकि सीएमओ के अनुसार, हॉस्पिटल के लिए पर्याप्त बजट आता है. ऐसे में सवाल उठता है कि इस बजट का इस्तेमाल किस रूप में किया जा रहा है. जिला अस्पताल में डॉक्टर भी पर्याप्त नहीं है. केवल 11 डॉक्टरों के सहारे चलने वाले इस हॉस्पिटल में 21 डॉक्टरों की जरूरत हैं.

दूसरी बड़ी चीज सामने आयी है, यहाँ के स्थानीय लोगों का बर्ताव जिसके कारण बाहरी डॉक्टर ज्यादा दिनों तक यहाँ टिक नहीं पाते हैं और कहीं अन्य अपना तबादला करवा लेते हैं. मैनपुरी तो डाकुओं से मुक्त हो गया लेकिन हथियार आपको बहुतायत मात्रा में देखने को मिल सकता है. बाहर के डॉक्टर स्थानीय लोगों के खौफ के कारण मैनपुरी में रहना सुरक्षित नहीं मानते हैं. मैनपुरी के लिए ट्रॉमा सेंटर भी पास हो गया है और महिलाओं के लिए एक मैटर्निटी अस्पताल भी है. लेकिन स्टाफ की कमी के कारण इनका उचित लाभ जनता को नहीं मिल पाता है.

बेरोजगार युवकों की भरमार:

मैनपुरी में चौड़ी सड़कें और स्ट्रीट लाइट के अलावा इस क्षेत्र के लोगों जरुरत है रोजगार की, बड़ी संख्या में बेरोजगारी यहाँ के लोगों के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही है. मैनपुरी देश में लहसुन की खेती के लिए जाना जाता है. यहाँ के किसान बहुत मेहनती हैं और लहसुन का निर्यात यहाँ से कई राज्यों में किया जाता है लेकिन कई किसानों का कहना है कि ये चीजें और भी बेहतर हो सकती हैं अगर खेती बेस्ड इंडस्ट्री यहाँ के लोगों को मिले.

काम ठीक से बोले इसके लिए मैनपुरी के लोग सरकारों से उम्मीद लगाए बैठे रहते हैं लेकिन चुनाव आते ही तमाम वादों के बावजूद भी क्षेत्र की जनता को कुछ खास नहीं मिल पाया है.

Related posts

खुद भी रहें जागरूक तभी होगा बीमारियों से बचाव : सीएमओ

Vasundhra
7 years ago

इस कद्दावर नेता ने अखिलेश से मांग लिया इस्तीफा!

Praveen Singh
7 years ago

भारत बंद के बाद मेरठ में दलित कर रहे गाँव से पलायन

Shivani Awasthi
6 years ago
Exit mobile version