गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले दिनों ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने से हुई करीब 250 बच्चों की मौत के मामले के बाद फिर अचानक अफरा-तफरी मच गई। यहां प्रिंसिपल के कार्यालय में अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। आग की लपटें देखकर लोग इधर उधर भागने लगे। आग देखकर मरीजों और उनके तीमारदार बाहर भागने लगे। सूचना पाकर मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ियों ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक घपले की फाइलें जलकर राख हो गईं। प्रथम दृष्टया आग लगने की बजह शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ये आग जानबूझकर लगाई गई है ताकि बच्चों की मौत के रहस्य पर पर्दा डाला जा सके। आरोप है कि प्रिंसिपल को भय था कि अगर मामले की जांच में फाइलें पकड़ी गईं तो कई लोगों की गर्दन फंस सकती है। फिलहाल आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।

घपले की फाइलें जलाने का आरोप

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रो० रमेश दीक्षित ने योगी सरकार के इस फैंसले को पिछले दिनों गोरखपुर स्थित बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में अगस्त के महीने में 290 बच्चों की मौत पर जश्न जैसा करार दिया है। प्रो० दीक्षित ने कहा कि पिछले कई सालों से योगी गोरखपुर के सांसद है और वर्तमान में मुख्यमंत्री भी, पर वो वहां पर जेई (जापानी इंसेफेलाइटिस) और पिछले दिनों बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में बच्चो की हुयी मौत पर कोई कारगार कदम न उठा कर, सैकड़ो करोड़ रुपये खर्च कर महोत्सव रचाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ये आग जानबूझकर लगाई गई है ताकि बच्चों की मौत के रहस्य पर पर्दा डाला जा सके।

उन्होंने इसको सैफई महोत्सव से मुकाबले की तैयारी करार दिया। जहां मुंबई दिल्ली के कलाकार मृत बच्चों की मौत का जश्न मनाएंगे। प्रो० दीक्षित ने कहा कि प्रदेश कंगाली की ओर है, आलू किसान, गन्ना किसान तबाह हो रहा है जरुरी कामों के लिए पैसे नहीं है। कड़ाके की सर्दी में प्रदेश में अलाव और बच्चो के स्वेटर के लिए सरकार का खजाना खाली है। उन्होंने कहा कि सैफई महोत्सव से भी आलीशान जलसा रचाने की योजना खाली खजाने पर बोझ है। योगी सरकार ने सांतवे वेतन आयोग का एरियर भुगतान तक टाल दिया है, प्रदेश में करो की वसूली भी घटी है।

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