राजधानी लखनऊ की साइबर क्राइम सेल हजरतगंज ने राज्य सड़क परिवहन निगम, पतंजलि आयुर्वेद व लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड आदि अन्य के नाम पर फर्जी नियुक्तियों का विज्ञापन देकर संविदा चालक, चालक, सुपरवाइजर व स्टोर कीपर आदि पदों के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए अभियुक्त के कब्जे से तीन मोबाइल फोन, एक लैपटॉप में काफी संख्या में फर्जी नियुक्ति पत्र की सॉफ्ट कॉपी, फर्जी नियुक्ति पत्र हार्ड कॉपी, ट्रेनिंग लेटर जारी करने के लिए प्रिंटेड पीले लिफाफे, प्रचार सामग्री बरामद हुए हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]इंटर पास है पकड़ा गया आरोपी[/penci_blockquote]
साइबर क्राइम सेल के नोडल ऑफिसर और क्षेत्राधिकारी हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि मुकदमा अपराध संख्या 556/20 18 धारा 420 भदवि 63/65 कॉपीराइट एक्ट अधिनियम 1957 थाना हजरतगंज लखनऊ में पंजीकृत किया गया था। इसके संबंध में एसएसपी कलानिधि नैथानी के आदेशानुसार, एसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्रा के निर्देश पर सीओ के नेतृत्व में निरीक्षक हजरतगंज थाना संतोष कुमार, साइबर क्राइम सेल के निरीक्षक विजय वीर सिंह सिरोही, उप निरीक्षक राहुल राठौर, कांस्टेबल अखिलेश पांडेय, कांटेबल फिरोज बदर, शरीफ खान की टीम ने संयुक्त रूप से त्वरित कार्यवाही करते हुए साइबर क्राइम सेल की तकनीक का प्रयोग करते हुए सूचना के आधार पर अभियुक्त दुर्गेश कुमार शर्मा और कुनाल पुत्र प्रेम बाबू निवासी बैमबीरपुर थाना अतरौली जिला अलीगढ़ को गिरफ्तार किया गया है। पकड़ा गया आरोपी इंटर पास है। जो बड़ी ही शातिर तरीके से लाखों रूपये की ठगी कर चुका है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]समाचार पत्रों में फर्जी विज्ञापन प्रकाशित कर जमा कराता था पंजीकरण शुल्क[/penci_blockquote]
सीओ हजरतगंज के मुताबिक, कार्यालय क्षेत्रीय प्रबंधक उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा इस संबंध में मुकदम पंजीकृत कराया गया था। इसके बाद आरोपी की गिरफ़्तारी हुई है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि सबसे पहले वह समाचार पत्रों में फर्जी नियुक्ति के संबंध में विज्ञापन जारी कराता था। फिर समाचार पत्र में प्रकाशित मोबाइल नंबरों पर लोगों द्वारा संपर्क किया जाता था। फिर उन लोगों से अभियुक्त द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण कराने के लिए बताया जाता था। जिसके लिए 500 रुपये पंजीकरण शुल्क के रूप में विभिन्न खातों में लिया जाता था।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सरकारी विभागों के नाम से बनी मेल आईडी से भेजता था नियुक्तिपत्र[/penci_blockquote]
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि जिन लोगों का पंजीकरण शुल्क उसे प्राप्त हो जाता था। इसके पश्चात अभियुक्त द्वारा फर्जी मेल आईडी [email protected] से उपरोक्त लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया जाता था। जिसके बाद उन लोगों से सिक्योरिटी मनी के रूप में 10000 रुपये विभिन्न खातों में जमा करा लिया जाता था। पूछताछ में भी बताया कि पतंजलि आयुर्वेद की ईमेल आईडी ([email protected] , [email protected]) ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड में फर्जी नियुक्तियों के नाम पर हजारों लोगों के लाखों रुपए की ठगी कर चुका है। इसके अतिरिक्त अभियुक्त ने बताया कि उसके द्वारा प्रदेश के कई जिलों से लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, इलाहाबाद के लोगों को शिकार बनाया जा चुका है।

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