उत्तर प्रदेश को भ्रष्टाचार और अपराधमुक्त करने का वादा करके सत्ता में आयी भाजपा सरकार में अपराध, गुंडई, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त तेवरों के बाद भी अधिकारी और दबंगों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है। ताजा मामला यूपी के फतेहपुर जिला का है। यहां एक व्यक्ति को फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित का कहना है कि क्षेत्र की घनी आबादी के बीच में एक बहुमंजिला अवैध ईमारत का निर्माण बिना प्रशासन की अनुमति से करा दिया गया है। इससे आसपास के लोगों की जान को खतरा है। पीड़ित ने इस संबंध में एक आरटीआई के जरिये जब सूचना मांगी तो आरटीआई में ईमारत को अवैध बताया गया। अब दबंग पीड़ित को जान से मारने की धमकी और फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित का आरोप है कि स्थानीय पुलिस दबंगों के साथ खड़ी है। पीड़ित की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए पीड़ित ने मुख्यमंत्री और पुलिस के आला अधिकारियों से दोषियों पर कार्रवाई के साथ अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]डीएम का आदेश भी बे असर[/penci_blockquote]
जानकारी के अनुसार, पूरा मामला फतेहपुर जिले के देवीगंज इलाके का है। यहां के रहने वाले शिकायतकर्ता अनुप सोनी ने बताया कि उसके घर के बगल में जो बिल्डिंग है वह अवैध रूप से बनी है। पीड़ित का कहना ही कि ये ईमारत किसी भी दिन गिर सकती है। जिससे कई लोगों की जान भी जा सकती है। ये बिल्डिंग अवैध रूप से बनाई गई है इसका खुलासा आरटीआई के तहत मांगी गयी जानकारी में हुआ। जिसके बाद बिल्डिंग मालिक द्वारा मुझे झूठे मुक़दमे में फंसा दिया गया और आगे शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित ने इसकी शिकायत जिले के अधिकारियों से कई बार की। लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।वहीं इस मामले में डीएम आंजनेय सिंह ने इस मामले में एसडीएम को जांच देते हुए दो दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर जांच रिपोर्ट में कुछ गलत तथ्य उजागर होगा तो आगे की कार्यवाही की जायेगी। पीड़ित का कहना है कि करीब एक सप्ताह से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुयी है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सैकड़ों स्कूली बच्चों के साथ पास के लोगों की जोखिम में जान[/penci_blockquote]
आरटीआई के अनुसार, ईमारत बनाने से पहले न ही जिला प्रशासन से अनुमति ली गयी न ही इस मकान का नक्शा बनवाया गया। जिला प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से यह 6 मंजिला इमारत बनकर भी खड़ी हो गई। इस इमारत की स्थिति यह है कि किसी भी दिन यह इमारत जमीदोंज हो सकती है और आसपास रहने वाले कई लोगों की जान भी जा सकती है। इमारत की बेस मंजिल की एक दीवार में दरार भी आ गयी है, जिसके चलते इमारत कभी भी ढह सकती है। सबसे बड़ी बात यह है की इस घनी आबादी में 6 मंजिला इमारत के बगल में एक इंटर कॉलेज भी संचालित है। इमारत में लिफ्ट भी लगायी है जिसके कंपन से दीवार कभी भी ढह सकती है। इस इमारत से स्कूली बच्चों की जान जोखिम में है। स्थानीय लोगों ने जिले के कई आला अधिकारियों से शिकायत भी की गयी। लेकिन अब तक कार्यवाही के बजाय सिर्फ जांच की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

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