उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में जहां कुछ पुलिसकर्मी अच्छा काम करके पूरे महकमें का सिर फक्र से ऊँचा करते हैं, वहीं कुछ पुलिसकर्मियों की वजह से पूरे विभाग का सिर शर्म से झुक जाता है। ताजा मामला आजमगढ़ जिला का है। यहां अहरौला पुलिस ने एक टेंट कारोबारी को पशु तस्कर बताकर जेल भेज दिया। पुलिस के खिलाफ श्याम नारायण यादव, विवेकानंद यादव, रवि मिश्रा, प्रदीप दुबे, विनय कुमार, संतोष कुमार, मनोज, चंद्रशेखर, अजय यादव, राजेश सोनकर, पंकज, बृजेश, अमित, शंकर आदि ने प्रदर्शन किया। इसकी जांच जब एएसपी ने की तो मामला वाकई फर्जी निकला।

जांच में सामने आया कि एक सांड घायल हुआ था। इसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। मौके पर डॉयल 100 के पुलिसकर्मी पहुंचे थे। उन्होंने टेंट कारोबारी से घायल सांड को इलाज के लिए भेजवाया था। इस पर पुलिस ने पीड़ित को पशु तस्कर बताकर जेल भेज दिया था। डॉयल 100 के पुलिसकर्मियों ने थाना प्रभारी पर फर्जी जेल भेजने का आरोप लगाया था। एएसपी की जांच में मामला फर्जी पाए जाने के बाद अब पीड़ित को रिहाई मिल गई है। लेकिन इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]डायल 100 ने एसओ पर लगाया फंसाने का आरोप[/penci_blockquote]
जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला अहिरौला थाना क्षेत्र का है। पीड़ित मकसूद के भाई ने बताया कि रविवार को शाहपुर बाजार के पास एक सांड़ घायल हो गया था। घायल सांड को गौशाला पहुचाने के लिए मकसूद अपनी मैजिक पर उसे लाद रहा था इसी दौरान गश्त पर निकले डायल 100 के पुलिस कर्मियों की नजर उसपर पड़ी जिसके बाद उसे थाने ले जाया गया। जहां उसकी गाड़ी को खड़ी करवा कर उसे छोड़ दिया गया। निर्दोष की मां ने बताया कि सोमवार की सुबह पुलिस ने उसे थाने बुलाकर अपनी गाड़ी ले जाने के लिए कहा। जब मकसूद थाने पहुंचा तो वहां उसकी मोबाइल छीनकर उसे हवालात में बंद कर दिया गया। मकसूद के भाई ने बताया कि जब पुलिस कर्मियों का विरोध शुरू हुआ और वह फंसते नजर आए तो उन्होंने समझौता करने का दबाव बनाने लगे।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]क्या दोषी पुलिसकर्मियों पर होगी कार्रवाई?[/penci_blockquote]
शाहपुर से आये ग्रामीणों ने कहा की वहां पुलिसकर्मी रात में स्थानीय लोगों को परेशान करते रहते हैं। अगर इनके विरुद्ध कोई कठोर कार्यवाही नहीं की गई तो वह आंदोलन के रूप में प्रदर्शन करेंगे। वहीं इस प्रकरण पर डायल 100 के पुलिस कर्मियों का कहना है कि एसओ अहिरौला पीड़ित मकसूद को किसी दबाव में आ कर फंसा रहे हैं। वहीं इस पूरे मामले पर एसपी ग्रामीण का कहना है कि मकसूद के विरुद्ध दर्ज रिपोर्ट को 173 के तहत समाप्त कर उसे रिहा करा दिया गया है। एसपी ग्रामीण ने कहा की स्थानीय लोगों के कहने पर ही मकसूद को गिरफ्तार किया गया था। मौके पर मकसूद कोई साक्ष्य नहीं दे पाया इसमें किसी की कोई गलती नहीं है यह प्रकरण भ्रम के बाद उत्पन्न हुआ है। हालांकि इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी या नहीं ये आने वाला वक्त बताएगा।

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