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आगरा: आँखों की रौशनी वापस पाने के लिए सीएम योगी से मदद की आस

man Unable to get eye treatment want help from CM Yogi

man Unable to get eye treatment want help from CM Yogi

‘पत्र लिखते लिखते कलम हार गई मिला कुछ नहीं, मिली तो सिर्फ निराशा…’
जी हां, यही कुछ लाइनें गोविंद ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में लिखी है ,गोविंद ने पीएम मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इलाज के लिए आर्थिक मदद मांगी है. बता दें कि गोविंद की आंख की रोशनी चली गयी है और इलाज करवा पाने में सक्षम न हो पाने की वजह से उसने सरकार से मदद की आस की है.

पैसो के कमी के चलते नहीं करवा पा रहा इलाज:

आगरा में हाइवे पर चाय की दुकान चलाने वाले गोविंद तहसील एत्मापुर के बंगरा गांव का रहने वाला है. गोविंद की आँखों की रौशनी काफी हद तक जा चुकी है और वो अपनी इस कमी का इलाज नही करा पा रहा है.
दरअसल बंगरा गांव के सुखवीर जो गोबिंद के पिता है, उनको केंसर की बीमारी थी. सुखवीर के दोनों बेटे गोविंद और गोपाल ने कर्जा लेकर पिता का इलाज कराया लेकिन पिता ठीक नही हुए और उनकी मृत्यु 4 माह पहले हो गयी.
उसके बाद दोनों बेटों पर कर्जे का दबाव बढ़ गया. जिसे चुकाने के लिए उन्हें अपनी जमीन तक बेचनी पड़ गयी. इसके बाद गोविंद और गोपाल के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया.
दोनों भाइयों ने मिल नेशनल हाइवे पर एक चाय की दुकान खोली. दुकान से घर का खर्च तो चलने लगा लेकिन उनके सामने फिर से एक मुसीबत आ कर खड़ी हो गयी.
गोबिंद की आंखों में परेशानी होने लगी. जब डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने आंखों का इलाज बताया जो काफी महंगा था. कुछ दिनों तक गोविंद ने इलाज कराया लेकिन उसके बाद पैसों की कमी की वजह से इलाज कराने में असमर्थ हो गया.

तात्कालिक सपा सरकार से भी मांगी थी मदद:

उस समय गोविंद ने तत्कालीन सपा सरकार से मदद मांगी, इलाज के लिए कई पत्र लिखे लेकिन गोविंद की फरियाद न सुनी गई. उसके बाद जब बीजेपी सरकार आयी तो गोविंद की कुछ आस जागी.
गोविंद ने कई पत्र पीएम मोदी और सीएम को लिखे. इनके साथ साथ स्थानीय अधिकारी और जन प्रतिनिधियों को तमाम पत्र लिखे गए लेकिन गोविंद को फिर से निराशा हाथ लगी. पीड़ित गोविंद ने बताया कि उसे सिर्फ इलाज मिल जाये, जिससे वह काम कर सके. लेकिन अब गोविंद की आस टूटती जा रही है कि उसे इलाज मिल पायेगा या नहीं.

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