2019 के लोकसभा चुनावों की सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। सपा-बसपा और कांग्रेस लेकर सत्ताधारी दल भाजपा ने लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। भाजपा के ऊपर सत्ता में वापसी करने को लेकर ख़ास दबाव है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े राष्ट्रीय नेताओं ने लखनऊ आकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की है जिसके बाद नयी चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।

अखिलेश से मिले भाजपा नेता :

भारतीय जनता पार्टी के नेता विक्रम यादव और यादव महासंघ के अध्यक्ष रामहरि यादव ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। सपा द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, दोनों नेताओं ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में काम करने तथा चंडीगढ़ में समाजवादी पार्टी को मजबूती देने का इरादा जताया। विक्रम यादव ने कहा कि केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार की गलत नीतियों, पिछड़ों एवं दलित-महादलित वर्ग के विरूद्ध दुर्भावना से किए जा रहे कार्यों से आहत होकर उन्होंने भाजपा की सदस्यता एवं सभी पदों को त्यागकर समाजवादी पार्टी से जुड़ने का मन बनाया है। लोकसभा चुनावों के पहले भाजपा के लिए ये बड़ा झटका हो सकता है।

 

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सपा बन सकती है विकल्प :

भारतीय जनता पार्टी नेता विक्रम यादव ने कहा कि चंडीगढ़ की जनसंख्या लगभग 12.30 लाख है। यहां करीब 5,80,700 मतदाता थे जिनमें से 40 प्रतिशत मतदाता उत्तर प्रदेश से संबंध रखते है। ऐसे में राज्य स्तर पर समाजवादी पार्टी यहां मजबूत विकल्प के रूप में उभर सकती है। यादव महासंघ के अध्यक्ष रामहरि यादव ने कहा कि चंडीगढ़ के लोगों का भाजपा और कांग्रेस से मोहभंग होने लगा है। लोगों के अंदर उनकी नीतियों से गहरा आक्रोश है। लोग झूठी और दमनकारी भाजपा सरकार से शीघ्र छुटकारा पाना चाहते हैं। दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज के लिए समाजवादी पार्टी से बेहतर कोई अन्य विकल्प नहीं हो सकता है।

 

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