राजधानी के बख्शी का तालाब (बीकेटी) थाना क्षेत्र में चंद्रिका देवी मंदिर के पीछे कुछ दूर स्थित गोमती नदी के तट पर सैकड़ों मवेशियों की लाशे उतराते देख ग्रामीणों के होश उड़ गए। देखते ही देखते मौके पर भीड़ इकट्ठी होनी शुरू हो गई। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही माल, इटौंजा और बीकेटी थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। पुलिस भी घंटों खड़ी तमाशा देखती रही। आखिर में पुलिस ने तीन जेसीबी मौके पर बुलवाई और पुल के नीचे से मालवा हटवाकर मवेशियों को नदी से निकलवाकर दफनाने के बजाय जेसीबी से आगे की ओर धकेलवा दिया। पुलिस के इस रवैये से ग्रामीण भी काफी आक्रोशित दिखे।

जानकारी के अनुसार, घटना बीकेटी थाना क्षेत्र की है। यहां शनिवार को दोपहर में चंद्रिका देवी मंदिर में मेला देखने गए श्रद्धालुओं ने कठवारा गांव के निकट मंदिर परिसर से करीव आधा किलोमीटर दूर गोमती नदी के पुल से कुछ मवेशियों को पानी में उतराते हुए देखा। ग्रामीणों ने इसकी चर्चा की तो मौके पर भीड़ जुटना शुरू हो गया। ये खबर पलक झपकते ही पूरे क्षेत्र में फैल गई। लोगों का वहां जमावड़ा लग गया। तभी सूचना पाकर बवाल की आशंका से माल, इटौंजा और बीकेटी की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। पुलिस को वहां छोटे बड़े सैकड़ों मवेशियों के शव नजर आये। कुछ के शव तो पानी के अंदर थे कुछ के नदी के अंदर ही थे।

ग्रामीणों ने बताया कि सर्दी के मौसम में छोटे बड़े पशुओं की मृत्यु ज्यादा होती है। लेकिन गौरक्षकों और पुलिस के भय से कसाई मरे हुए जानवरों को ले जाने से घबराते हैं। इसके चलते ग्रामीण या कसाई चोरी छिपे इन पशुओं को नदी में फेंक देते हैं। तेज धार की वजय से ये मृत जानवर बहते हुए चले जाते हैं। लेकिन पुल के पास जलकुंभी इकट्ठी होने से दूर तक गोमती नदी रुंध सी गई थी। इसके चलते मवेशी भी वहां आकर फंस गए। ज्यादा मवेशी इकट्ठे होने से इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने मौके पर तीन जेसीबी बुलाई और इन मृत पशुओं को आगे की तरफ धकेलवा दिया।

इनपुट – ज्ञानेंद्र

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