उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में इतिहास एक बार फिर दोहराया जा रहा है. कैराना की तरह मुजफ्फरनगर के भी एक गाँव में कुछ परिवार दबंगों से इस कदर खौफ़जदा और परेशान हो गये हैं कि पलायन करने को मजबूर हैं. इसके लिए न केवल पहले इन परिवारों की बच्चियों को स्कूल छोड़ना पड़ा बल्कि घर बिकाऊ है, लिख पलायन करने की तैयारी करनी पड़ रही हैं.

घर बेच पलायन को मजबूर हुए दर्जनों परिवार:

मामला मुजफ्फरनगर के सिखेड़ा थानाक्षेत्र के गांव निराना का है, समुदाय विशेष के आतंक के चलते लोगों के पलायन का मुद्दा फिर एक बार गरमा गया है. समुदाय विशेष के लोगों की गुंडागर्दी के चलते परेशान परिवार अपना घर बेचने तक को तैयार हैं. इनमें करीब 8 से 10 ऐसे परिवार हैं जो ‘घर बिकाऊ है’ लिख कर पलायन का ऐलान कर चुके हैं.

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सिखेड़ा क्षेत्र के जिला मुख्यालय से सटे गांव निराना में कई परिवारों के पलायन का एलान करने से इलाके में सनसनी फैल गयी हैं.

दरअसल, मामला समुदाय विशेष के कुछ लोगों की गुंडागर्दी का है। जिनका डर ग्रामीणों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर कर रहा है। इन लोगों की गुंडागर्दी के कारण इससे पहलेे भी दो परिवार अपना घर-बार बेचकर गांव से पलायन कर चुके हैं।

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बच्चियों को छोड़ना पड़ा स्कूल और अब घर:

दबंगों की गुंडागर्दी इस कदर गाँव में हावी हैं कि लडकियों को अपना स्कूल तक छोड़ना पड़ा. परेशान लड़कियों ने बताया कि दबंग उनपर फब्तियां कसते हैं और छेड़छाड़ करते हैं.

बता दें कि लड़कियों का घर से निकलना तक दुबर है. जिसके चलते इन लड़कियों की पढ़ाई बीच में रुकवा कर इनका स्कूल तक छुडवा दिया गया. पर मामला इतने में शांत नहीं हुआ. इन लड़कियों ने बताया कि पहले स्कूल छोड़ना पड़ा और अब गांव छोड़ना पड़ रहा है।

कई परिवारों के इस तरह दबंगों के बर्ताव से परेशान होने के बाद पलायन का एलान करने से पुलिस प्रशासन भी सकते में आ गया हैं. जिसको लेकर पुलिस के आलाधिकारी भारी पुलिस बल के साथ गाँव में मौजूद हैं और पीड़ित परिवारों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं. वहीं अब तक इन मामलों में कोई गंभीर कार्रवाई नहीं हो सकी हैं. जिसका ठीकरा पुलिस प्रशासन पर पड़ा.

इस मामले में सिखेड़ा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विक्रम सिंह का कहना है कि पुलिस थाने में आने वाली सभी शिकायतों पर कार्रवाई करती है, लेकिन अधिकांश मामलों में ग्रामीण दोनों पक्षों में समझौता करा देते हैं। अब समझौता डर से हुआ या सहमति से, इसकी शिकायत कोई पुलिस से नहीं करता, जिसके चलते इस तरह के मामलों में कार्रवाई सुनिश्चित भी नहीं हो पाती।

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इन परिवारों ने किया पलायन का ऐलान

बता दें कि जिन परिवारों ने घर बेचकर गांव से पलायन करने का एलान किया है उनमें प्रमोद पुत्र कालूराम, चंद्रवती पत्नी वीरपाल, मूलचंद पुत्र गिरधारी लाल, बाबूराम पुत्र चमनसिंह, मंगलसेन पुत्र राजाराम, बिजेंद्र पाल पुत्र अजब सिंह, ऋषिपाल पुत्र उमराव और सतीश पाल शामिल हैं।

वहीं, निराना गाँव के ही रहने वाले अजब सिंह पहले ही घर बेचकर यहां से पलायन कर चुका है, जबकि बाबूराम पुत्र चमनसिंह ने करीब 15 दिन पहले ही अपना मकान औने-पौने दामों में बेच दिया है, जो बहुत जल्द मकान खाली कर जाने वाले हैं.

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