सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यालय पर प्रेस वार्ता का आयोजन किया था। इसमें उन्होंने गोरखपुर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशी ने नाम का ऐलान किया। सपा से निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीन कुमार निषाद को पार्टी प्रत्याशी बनाया गया है। गोरखपुर से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जाति कार्ड खेलते और जिले में निषाद जाति की बाहुल्यता को देखते हुए ये फैसला किया है। मगर अब अखिलेश के फैसले के बाद 2 नेताओं ने बगावत कर दी है और सपा के खिलाफ नामांकन दाखिल कर दिया है।

गोरखपुर-फूलपुर की जनता देगी बजट का हिसाब :

लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर ज़ुबानी तीर छोड़े। अखिलेश ने कहा कि उज्ज्वला से लेकर तमाम योजनाओं पर देश को धोखा दिया गया है। नोट बंदी से भ्रष्टाचार पर लगाम लगनी थी मगर कितने लोग तो सिर्फ कागजो पर भारत से पैसा लेकर भाग गए हैं। भाजपा वालों ने तो लागत का फॉर्मूला बदल दिया, किसान को दो गुना लागत बताया था लेकिन हमारे किसान कर्ज से जान दे रहे है। गोरखपुर और फूलपुर की जनता चुनाव परिणाम से बजट का जवाब जरूर देगी। भाजपा वाले तो मुद्दों से भटकाने के लिए दूसरे मामलों में उलझा देते हैं।

इन नेताओं ने की बगावत :

गोरखपुर उपचुनाव में सपा अपने प्रत्याशी के नाम पर लंबे समय से मंथन कर रही थी। अब जाकर सपा ने निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है तो पार्टी में बगावत का दौर शुरू हो गया है। गोरखपुर से संजय निषाद की पत्नी मालती निषाद ने सपा प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है। इस बारे में पूछने पर मालती निषाद ने कहा कि चुनाव में किसी प्रत्याशी का आपस में संबंध नहीं होता है। इसके अलावा गोरखपुर से ही सपा के पूर्व जिला सचिव राम नगीना ने भी अपनी ही पार्टी के खिलाफ नामांकन दाखिल कर दिया है।

 

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