Adarsh Gram Yojna Performance

Constituency Name Name of the MP Sansad Gram Yojna Phase I Sansad Gram Yojna Phase II Sansad Gram Yojna Phase III
Fatehpur Sikri Chaudhary Babulal Pusenta Bateshwar Jajau
Robertsganj Shri CHHOTELAL Nagawa Dareva JARAHAR
Gorakhpur Shri Yogi Adityanath Jangle Aurahi ——————————— ———————–
Meerut Shri Rajendra Agrawal Bhagwanpur Chittawan Harsinghpur Bahadurpur
Misrikh Smt. Anju Bala Tejipur Sihura Dara Shikoh Islam Nagar
Muzaffarnagar Shri Sanjeev Kumar Balyan Rasoolpur Jatan Pipalshah —————————
Hamirpur Kunwar Pushpendra Singh Chandel Pipra Maaf ————————————- Niwada
Machhlishahr Shri Ram Charitra Aara Sarauni Purab Patti ————————
Maharajganj Shri Pankaj Chowdhary Barhara Meer Gonha Semrahwa
Hathras Sh. Rajesh Kumar Kumar Diwakar Ahbaranpur Jatoi ————————–
Etawah Shri Ashok Kumar Dohrey Mahewa Bharsen
Basti Shri Harish Dwivedi Amodha Khas Agauna Pada Kharhara
Sultanpur Shri Feroze Varun Gandhi Vallipur Malhipur —————————
Amethi Shri Rahul Gandhi Jagdishpur2 ———————————— —————————–
Pilibhit Smt. Maneka Sanjay Gandhi Gularia Bhoopsingh Pandari Bhadeg Kanja
Rae Bareli Smt. Sonia Gandhi Urwa1 ————————————- ————————–
Bareilly Shri Santosh Kumar Gangwar Rahpura Jagir Dhakia Barkali Sahib Majhawa Gangapur
Aligarh Sh. Satish Kumar Gautam Baharabad Vasera —————————–
Allahabad Shri Shyama Charan Gupta Baidvar Kalan Semri Ta. Purva —————————
Mathura Smt. Hemamalini Rawal Bangar Pentha Managarhi
Kanpur Sh. Murli Manohar Joshi Singhpur Kachhar Khyora Katari Baikunh Pur
Fatehpur Sadhvi Niranjan Jyoti Parsetha Rampur Daniyalpur
Mohanlalganj Shri Kaushal Kishore Auntgarhi Saura Bahru ———————————-
Aonla Shri Dharmendra Kumar Rondhi Mustqil Basawanpur Basela
Moradabad Shri Kunwar Sarvesh Kumar Sahas Puri Fajalpur(machmaar) Mohra
Salempur Shri Ravindra Kushawaha Kushhar Saraygulabrai (hajia Rampur) Sahulai Hardo Patti, Bardiha Prashuram
Saharanpur Shri Raghav Lakhanpal Khushalipur Sabbipur ———————————–
Unnao Sh. Swami Sakshiji Maharaj Tikargarhi Behata Kachh Fatehpur Chaorasi Gramin
Phulpur Shri Keshav Prasad Maurya Jaitwardih Baudai ———————————
Deoria Sh. Kalraj Mishra Pyasi Dhaurahara Rajpur Bagha
Banda Shri Bhairon Prasad Mishra Katara Kalinjar Hanna Binaika Sursen
Shrawasti Shri Daddan Mishra Jaychandpur Katghara Gomadi Kather
Kheri Shri Ajay (Teni) Misra Ray Pur Kharahani Sisoura
Varanasi Shri Narendra Modi Jayapur Nagepur Kakarhia, Domari
Domariyaganj Shri Jagdambika Pal Bharat Bhari Lotan Pendari Buzurg
Chandauli Dr. Mahendra Nath Pandey Jarkhor Kala Siwo ROOPCHANDPUR
Ambedkar Nagar Shri Hari Om Pandey Usaraha Hiri Pakriya Semur Khanpur
Kushi Nagar Shri Rajesh Pandey Gopal Garh Sinduria Bishunpur Paikauli
Bansgaon Sh. Kamlesh Paswan Kaparvar Ebrahimpur Shri Nagendra Pratap Singh Patel (Chikhari)
Mirzapur Smt. Anupriya Patel Dadri Baghi Devri Uttar
Bahraich Sadhvi Savitri Bai Phoole Matehi Kalan Tingai Raja Pur Kalan
Shahjahanpur Smt. Krishna Raj Nawada Darobast Khajuri Nabhichi
Ghosi Shri Hari Narayan Rajbhar Dumaranw Chakki Musadohi Mirzapur, Barbochi
Farrukhabad Shri Mukesh Rajput Amroli Ratn Pur Khimsoy Pur Deosni
Agra Shri Prof. Ram Shankar Pilkhatra Tehu Shakrauli
Barabanki Smt. Priyanka Singh Rawat Budhnai Dinpanah Peend
Gautam Buddha Nagar Sh. Mahesh Sharma Neemka Olendha Kachheda Warsabad
Rampur Dr. Nepal Singh Hardaspur Kotra Mathurapur ————————————
Baghpat Dr. Satya Pal Singh Paladi Rasulpur Zahid Talehaita
Ballia Sh. Bharat Singh Ojhawalia Derhgawan Keharpur
Bijnor Sh. Bharatendra Singh Sukartal Khadar Suaherhibuzurg ————————————–
Kaiserganj Sh. Brijbhushan Sharan Singh Semra Shekhpur Tappe Sipah ——————————————
Gonda Sh. Kirti Vardhan Singh Laxmanpur Lalnagar Lidehna Grant ——————————-
Ghaziabad Sh. Vijay Kumar Singh Mirpur Hindu Kakrana Rewadi Rewda
Bhadohi Sh. Virendra Singh Kaulapur Kainda Vikrampur
Nagina Sh. Yashwant Singh Begrajpur Tisotra —————————————
Bulandshahr Shri Bhola Singh Bhopatpur Banaul Saidpur
Akbarpur Shri Devendra Bhole Singh Tikwapur Barai Garh Lalpur Shivrajpur
Kairana Shri Hukum Singh Sukheri Shamli Shamla Buchha Kheri
Jaunpur Shri Krishn Pratap Singh Burhupur Babhaniyaw Pariyawa
Pratapgarh Shri Kunwar Haribansh Singh Shahbari Jagdishpur Katra Indra Kunwar
Faizabad Shri Lallu Singh Tindauli Anjana Mangi Chandpur
Lucknow Shri Rajnath Singh Benti Harauni Durjanpur
Etah Shri Rajveer Raju Bhaiya Singh Aurangabad Kartala Suratpur Mafi
Sambhal Shri Satya Pal Singh Lahraban Guaroo Rehtol
Ghazipur Shri Manoj Kumar Sinha Dullahpur Nayakdih Karahiya
Kaushambi Shri Vinod kumar Sonkar Samsabad Kosam Khiraj Purekisuni
Lalganj Smt. Neelam Sonker Lohra Surhan ——————————
Jhansi Sadhvi Uma Bharati Sushree Pawa Karguwan Parol
Amroha Shri Kanwar Singh Tanwar Chakanwala Mustkam Karanpur Mafi Kankather
Sant Kabir Nagar Sh. Sharad Tripathi Sande Khurd Umila Masena Mirzapur
Hardoi Shri Anshul Verma Munder Khaju Rhara Raigain
Jalaun Shri Bhanu Pratap Singh Verma Hardoi Gujar Pachlakh ——————————
Sitapur Shri Rajesh Verma Mira Nagar Khanpur Humaunpur
Dhaurahra Smt. Rekha Arun Verma Dhakhaura Sahiapur Moodi
Badaun Shri Dharmendra Yadav Durgpur Jarifnagar ——————- ——————————
Azamgarh Shri Mulayam Singh Yadav Tamauli Bharauli ——————————
Mainpuri Shri Tejpratap Singh Yadav Sagamai Jagir Bamhauri Awahar ——————————
Kannauj Smt. Dimple Yadav Saidpur Sakri Rausen ——————————

सांसद आदर्श ग्राम योजना में इतने सांसद हुए फेल

इस योजना में लोकसभा और राज्यसभा सांसदों द्वारा तीन चरणों में तीन-तीन गांवों को गोद लिया जाना था। पीएम मोदी ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा था, ‘इससे अच्छी राजनीति के द्वार खुलेंगे।’ नरेंद्र मोदी को एनडीए सरकार का प्रधानमंत्री बने चार साल का समय पूरा हो गया है। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण योजनाओं की नींव रखी। ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ उनकी ऐसी ही महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार है। पीएम मोदी ने अक्टूबर 2104 को इसकी शुरूआत की थी।

  • इस योजना में लोकसभा और राज्यसभा सांसदों द्वारा तीन चरणों में तीन-तीन गांवों को गोद लिया जाना था।
  • पीएम मोदी ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा था, ‘इससे अच्छी राजनीति के द्वार खुलेंगे।’
  • ऐसा हुआ भी जब उनके आह्वान पर शीर्ष कांग्रेसी नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने भी गांवों को गोद लिया।
जानिए क्या है आदर्श ग्राम योजना

हर सांसद अपने इलाके में कोई भी गांव चुन सकता है, लेकिन इनमें उनका अपना गांव या ससुराल का गांव नहीं होगा। सांसद आदर्श योजना की तीन विशेषताएं होनी चाहिए थीं- यह मांग पर आधारित हो, समाज द्वारा प्रेरित हो और इसमें जनता की भागीदारी हो। पीएम मोदी ने इस योजना की घोषणा के समय कहा था, ‘आज सरकारी योजनाएं बहुत सारी हैं।  योजनाओं को एक जगह पर ले जाने से कठिनाइयां, कमियां और इन्हें सरल बनाने का रास्ता सामने आएगा।  फिर जाकर व्यवस्था में परिवर्तन शुरू होगा।’

एक सांसद को गोद लेने थे 3 गांव

इस योजना में 2016 तक प्रत्येक सांसद को एक-एक गांव को गोद लेकर उसे विकसित करना था। 2019 तक दो और गांवों और 2024 तक आठ गांवों का विकास किया जाना था। पीएम ने राज्य सरकारों से भी अपील की थी कि वे विधायकों को इस योजना के लिए प्रोत्साहित करें तो हर निर्वाचन क्षेत्र में 5 से 6 और गांव विकसित हो सकते हैं।

जानिए किस फेज में कितने गाँव लिए गये गोद

इस योजना के अंतर्गत फेज I के अंतर्गत 80 लोक सभा सीटों में से 79 गाँव गोद लिए गये थे। जिसमे शुरूआती समय में तो कुछ ठीक दिखा पर बाद में सभी ऊँठ के मुहं में जीरा की भाँती भूल गये। उसके पश्चात फेज II में 81 लोक सभा सीटों में 74 गाँव गोद लिए गये और अंतिम व III फेज में 80 लोक सभा सीटों में 60 गोद लीर गए।

 

पीएम मोदी ने तीन गांव लिए गोद

इस योजना की शुरुआत के मौके पर मोदी ने कहा था, ‘हम सब मिलकर एक रचनात्‍मक राजनीति का द्वार खोलेंगे और राजनीतिक छूआछूत से परे होकर काम करेंगे। पिछली सदी के महापुरुषों जयप्रकाश नारायण, महात्‍मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और पंडित दीन दयाल उपाध्‍याय का असर किसी न किसी पर आज भी है। इन सबसे प्रेरणा लेकर हम इस काम को आगे बढ़ाएं। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के जयापुर गांव, नागेपुर गांव और काकड़िया गांव को गोद लिया।

  • यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने रायबरेली के उडवा गांव को गोद लिया
  • तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी के डीह गांव को गोद लिया।

सरकारी रिपोर्ट में मुताबिक योजना सफल

केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक यह योजना काफी सफल रही है।  नवंबर 2017 को केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत 19,732 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए गए हैं और 7,204 पर काम चल रहा है। वैसे, सरकार चाहे जो भी दावे करे, देश की अन्य योजनाओं की तरह पीएम मोदी की यह महत्वाकांक्षी योजना भी धरातल तक नहीं पहुंच सकी।  इसके पर्याप्त कारण भी हैं।

फंडिंग का विशेष इंतजाम नही, व्याप्त रही खामियां

इस योजना को जिस तरह से प्रचारित किया गया, उसके स्तर पर इसकी फंडिंग के इंतजाम नहीं किए गए। इसके लिए कोई नया फंड निर्धारित नहीं हुआ। सांसदों को बताया गया था कि देश में चल रही मौजूदा योजनाओं- इंदिरा आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मनरेगा, बैकवर्ड रीजंस ग्रांट फंड, सांसद निधि, ग्राम पंचायत की कमाई, केंद्र और राज्य वित्त आयोग निधि और कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी के ही पैसे का इस्तेमाल किया जाए।

सांसदों ने नही दिखाई अपनी रुची

इस योजना के चीन चरण थे।  पहले चरण के तहत 2014 से 2016 के बीच एक गांव को गोद लेकर उसे विकसित करना था। इस दौरान 543 लोकसभा सांसदों में से 500 सांसदों ने और 245 राज्यसभा सांसदों में से 203 सांसदों ने गांवों को गोद लिया। दूसरे चरण यानी 2016 से 2018 के बीच केवल 340 लोकसभा सांसदों और 126 राज्य सभा सांसदों ने गांवों को गोद लिया। तीसरे चरण यानी 2017 से 2019 के बीच गांवों को गोद लेने वाले सांसद और कम हो गए। अब तक केवल 141 लोकसभा सांसदों और 32 राज्यसभा सांसदों ने ही गांवों को गोद लिया है।

बुरा हो गया आदर्श ग्रामों का हाल

सांसदों के गोद लिए कई गांवों को आदर्श गांव घोषित तो कर दिया गया, लेकिन कुछ ही दिनों में उन गांवों की हालत पहले जैसी हो गई।  इन गांवों में खुद पीएम मोदी के गोद लिए दो गांव- जयापुर और नागेपुर भी शामिल हैं। यहां पर सोशल कॉरपोरेट रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत कई काम कराए गए थे, जिनकी गुणवत्ता कुछ महीनों बाद ही सामने आने लगी। आदर्श गांवों की हालत क्या है, इसे जानने के लिए पीएम मोदी के गोद लिए गए दो गांवों- जयापुर और नागेपुर की पड़ताल उचित रहेगी कि वे मानकों पर कितने खरे उतरते हैं।

सड़क पर खास हमारी नजर की रिपोर्ट 

पीएम मोदी के गोद लेने के बाद वाराणसी से करीब 30 किमी दूर जयापुर और नागेपुर की ओर आने वाली सड़कें शुरुआत में गड्ढामुक्त हो गई थीं। लेकिन इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दो मॉनसून के सीजन यानी अक्टूबर 2016 तक ही इन गांवों की 10 किमी लंबी सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए।  वहीं, जयापुर गांव में बनाए गए बस शेल्टर में बेंच तक नहीं बची हैं और लोग वहां बैठकर ताश खेलते हैं।

सफाई पर पर एक नजर 

इन गांवों में स्वच्छ भारत अभियान भी चलाया गया, हालांकि उसकी परिणिती भी खास नहीं रही। दोनों गांवों में करीब 400 शौचालय बनाए गए, लेकिन इंडिया टुडे की पड़ताल में सामने आया था कि इनमें से केवल 20 फीसदी ही इस्तेमाल हो रहे हैं।  किसी में दरवाजे नहीं थे तो किसी में पानी। शौचालयों के गड्ढे भी उनके नीचे बनाए गए, जिससे उन्हें इस्तेमाल करना तक दूभर हो गया।

 बिजली पर पेश है रिपोर्ट 

इंडिया टुडे की पड़ताल में सामने आया कि जयापुर के पड़ोसी गांवों में छह-सात घंटे बिजली मिलती है, जबकि इस गांव में 12 से 14 घंटे बिजली आने लगी। इसकी वजह वहां 70 लाख रुपये की लागत से लगे 25 केवी के सोलर पैनल हैं। नागेपुर में भी 50 केवी के सोलर पैनल लगाए जाने थे, लेकिन जमीन न मिलने से यह मामला लटका पड़ा है। हालांकि, कुछ समय बाद जयापुर के पैनल की बैटरी चोरी हो गई थी और यह खबर सुर्खियों में छाई रही थी।

रोजगार पर पेश है खास रिपोर्ट 

दोनों गांवों के युवाओं को अब भी रोजगार के अवसरों का इंतजार है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक जयापुर गांव पहले हैंडलूम पर निर्भर था। बाद में यह नई तरीके के खेती करने के लिए जाना जाने लगा। पीएम मोदी के इस गांव को गोद लेने के बाद से युवाओं की उम्मीदें बढ़ गईं।

  • उनका रुझान खेती के बजाए जल्द पैसे कमाने के लिए ठेकेदारी की ओर बढ़ा।
  • इन गांवों के कई लोगों ने यह सोचकर बैंकों में खाते खुलवाए कि पीएम की ओर से उनके खातों में पैसे डलवाए जाएंगे।
स्वास्थ्य और पानी पर पेश है रिपोर्ट 

जयापुर गांव के लोगों को आज भी प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा केंद्र का इंतजार है।  इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस गांव में आज भी असपताल नहीं है।  800 परिवारों वाले गांव जयापुर में पेयजल के लिए दो बोरिंग पंप लगाए गए, जिसमें से एक अक्सर खराब पड़ा रहता है। इन्हें चलाने के लिए लगाया गया जनरेटर भी चोरी हो गया। प्रशासन इसकी जिम्मेदारी गांववालों पर डालता है कि उन्हें आदर्श गांव के संसाधनों का ख्याल रखना चाहिए।

 पेश है संसदीय समिति की एक रिपोर्ट

हाल रही में शहरी विकास पर संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया कि फंडिंग और उचित कार्ययोजना के अभाव में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं कागजों में ही सफल होंगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी मोदी सरकार की छह शीर्ष योजनाओं में केवल 21 फीसदी फंड का ही इस्तेमाल हो सका।

  • ये हाल ‘स्मार्ट सिटी’ समेत उन योजनाओ का है जिनके लिए अतिरिक्त फंड की घोषणा की गई थी।
  • आदर्श ग्राम योजना के लिए तो सरकार की ओर से किसी अतिरिक्त फंड का इंतजाम नहीं है।
  • ऐसे में CSR के भरोसे आदर्श गांव बनाने का पीएम का सपना सच होता नहीं दिख रहा है।
सांसद निधि का एक भी पैसा विकास कार्यो में नहीं लगाया

जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का आलम यह है कि सूबे के करीब 65 फीसदी सांसदों ने अभी तक अपने सांसद निधि का एक भी पैसा विकास कार्यो में नहीं लगाया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गोद लिए अपने गांव को एक बार देखने तक नहीं गईं। गौरतलब है कि 11 अक्टूबर 2014 को लोकनायक जयप्रकाश के जन्मदिन परप्रधानमन्त्री ने आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की थी।

  • इस योजना में गांवों को विकसित करने का कार्य अतिरिक्त धन के बजाय सांसद निधि से ही करने का प्रावधान किया गया है।
  • यह योजना अब महज मजाक लगने लगी है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे संसदीय आदर्श गांव के तौर पर नागेपुर को चुना है।
  • ये गांव पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के आर.जी.लाइन ब्लॉक में आता है।
  • स्थानीय प्रशासन, रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से इसकी सूचना मिलते ही सक्रिय हो गया।
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा गोद लिए गाँव का सूरते हॉल 

मोदी ने इससे पहले वाराणसी के गाँव जयापुर को गोद लिया था। दरअसल पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2014 को लाल किले पर भाषण देते हुए सभी सांसदों से अनुरोध किया था कि वो अपने संसदीय क्षेत्र के किसी एक गांव को गोद लें और उसके विकास के लिए काम करें.  योजना शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदर्श ग्राम योजना के तहत अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जयापुर गांव को गोद लिया.

  • पीएम ने नवंबर 2014 को जयापुर को गोद लेने का ऐलान किया.
  • एक बार उन्होंने कहा था कि सांसद आदर्श गांव योजना के तहत सांसद, गांव को गोद नहीं ले रहे हैं,
  • बल्कि गांववाले हैं, जो सांसद को गोद ले रहे हैं।
  • इसके बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ के तमोली गांव को गोद लिया.
  • बसपा प्रमुख मायावती ने भी लखनऊ के माल गांव को गोद लिया है।
पीएम मोदी के ही गोद लिए गांवों का यह हाल है जब केंद्र और राज्य दोनों जगह उनकी ही पार्टी की सरकार

पीएम मोदी के ही गोद लिए गांवों का यह हाल तब है जब केंद्र और राज्य दोनों जगह उनकी ही पार्टी की सरकार है। केंद्र सरकार की सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत उत्तर प्रदेश के कई दिग्गज सांसदों के गोद लिए गांवों में एक वर्ष बीत जाने के बाद भी बुनियादी स्तर पर बदलाव की शुरुआत नहीं हुई। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जैसे प्रमुख दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों ने भी उत्तर प्रदेश के गावों को गोद लिया है,

  • लेकिन इन गांवों के निवासी अपने को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं।
सांसद डिंपल यादव का गोद लिए गाँव का सूरते हॉल 

प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सांसद पत्नी डिंपल यादव ने अपने संसदीय क्षेत्र इत्र नगरी कन्नौज के सैयदपुर सकरी गांव को गोद लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ के बेंती को और बॉलीवुड स्टार हेमा मालिनी ने अपने संसदीय क्षेत्र मथुरा के रावल गांव को गोद लिया है। उत्तर प्रदेश में आदर्श गांवों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गोद लिए गए जयापुर गांव में बदलाव की शुरुआत हुई है।

  • छह माह पहले तक जयापुर गांव वाराणसी-इलाहाबाद हाइवे के पास होते हुए भी अनजान था।
  • योजना की शुरुआत के बाद से ही यहां डाकघर, बैंक व कई मकानों का निर्माण हो चुका है।
सोनिया का गोद लिए गाँव का सूरते हॉल 

कांग्रेस अध्यक्ष और रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी ने जब उड़वा गांव को गोद लिया तो लोगों की इससे काफी उम्मीदें जुड़ गई थीं, लेकिन ग्रामीणों को इस बात का मलाल है कि सांसद ने उड़वा गांव को गोद तो ले लिया,

  • लेकिन न तो उसे देखने आई और न ही उनका कोई नुमाइंदा लोगों का दुखदर्द जानने आया।
  • सांसद निधि से विकास के लिए अभी तक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली.
  • गांव वालों ने बताया कि उन्हें लोग बताते हैं कि सड़क और हैंडपंपों के लिए प्रस्ताव बनाए गए हैं.
  • लेकिन इन प्रस्तावों पर धन कब मिलेगा, कब विकास होगा, इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता।
मुलायम सिंह यादव का गोद लिए गाँव का सूरते हॉल 

आजमगढ़ के पल्हनी विकास खंड का तमोली गांव को मुलायम सिंह यादव ने गोद ले रखा है। जिला मुख्यालय से सटा होने के बाद भी यह गांव गुमनाम था। इसमें भू-भाग और खेती-बाड़ी तो थी पर विकास की रफ्तार नहीं थी।  जिला विकास अधिकारी जगतनारायण राय ने बताया कि तमोली योजनाओं को अमलीजामा पहनाए जाने को लेकर 14 व 15 मई को गांव में समन्वय के लिए बैठक हो चुकी है।

  • ग्रामीण बताते हैं कि कुछ योजनाओं का खाका भी तैयार है और उनके मूर्त रूप लेने का इंतजार है,
  • जबकि तेजी के साथ निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज ने गांव की सूरत बदल दी है।
  • गांव में डेयरी और स्टेडियम के खुलने का रास्ता साफ हो गया है।
  • गांव के समग्र विकास के लिए 31 परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
  • सभी को सांसद योजना के दिशानिर्देश उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
  • गांव की सबसे बड़ी समस्या है पानी की निकासी.
  • गांव में नाला बनाने का काम जगह-जगह विवाद के चलते रुका हुआ है।
राजनाथ सिंह का गोद लिए गाँव का सूरते हॉल 

राजनाथ सिंह ने लखनऊ के पास बेंती गांव गोद लिया है, लेकिन पांच महीने बीतने के बाद भी यह गांव अपने विकास की बाट जोह रहा है.सड़कें, पानी, कॉलेज और अस्पताल जैसी कई मूलभूत सुविधाएं अभी भी इस गांव की पहुंच से कोसों दूर नजर आती हैं. बीते 10 अप्रैल को लखनऊ आए राजनाथ सिंह ने ऐलान किया था कि बेंती गाँव के विकास का खाका खींच लिया गया है।

  • जल्द ही वहां विकास कार्य शुरू कर दिए जाएंगे,
  • लेकिन यहां जब लोगों से बात की गई, तो पता चला कि उनकी उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं।
आम सहमति से 20 मांगों का भेजा गया प्रस्ताव
  • छह दिसंबर को राजनाथ सिंह बेंती गांव में ओरिएंटल बैंक की शाखा का उद्घाटन करने आए थे.
  • इसके बाद बैंक की ओर से ही 10 हैंडपंप लगवाए गए,
  • जबकि इस गांव में अभी भी 30 हैंडपंपों की जरूरत है.
  • बेंती गांव के प्रधान गिरीश तिवारी का कहना है
  • कि राजनाथ सिंह को गांव गोद लेने के बाद आम सहमति से 20 मांगों का प्रस्ताव भेजा गया था.
  • लंबा वक्त बीत जाने के बाद उन्हें अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।

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