2019 के लोकसभा चुनावों की समाजवादी पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनावों को देखते हुए रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। इसके अलावा बसपा से गठबंधन के बाद चुनाव लड़ने वाली सीटों पर मंथन होना शुरू हो गया है। सपा और बसपा के बीच समझौता होने से जहाँ बीजेपी चिंतित है तो कई ऐसे नेता भी हैं जिन्हें ये गठजोड़ ठीक नहीं लग रहा है। ऐसे नेताओं ने लोकसभा चुनावो के पहले पार्टी छोड़ने की तैयारी कर है। इसी क्रम में रामपुर में सपा के एक मुस्लिम नेता समेत उनके कई समर्थकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है।

अखिलेश ने शुरू की तैयारी :

उत्तर प्रदेश में भाजपा के विजय रथ को लोकसभा चुनावों में रोकने के लिए समाजवादी पार्टी पूरी ताकत के साथ काम कर रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संगठन में सभी को जिम्मेदारी देना शुरू कर दिया है। इसके अलावा बसपा से गठबंधन के बाद सपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम पर मंथन करना शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव का कहना है कि 2019 में क्षेत्रीय दल मिलकर भाजपा को केंद्र की सत्ता में जाने से रोकने का काम करेंगे। इसके अलावा अखिलेश यादव का कहना है कि बीजेपी को रोकने के लिए वे बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने को तैयार हैं। इस गठबंधन के होने से कई बड़े नेता नाराज हुई जिन्होंने पार्टी छोड़ना शुरू कर दिया है।

सपा नेताओं ने ज्वाइन की बसपा :

रामपुर में समाजवादी पार्टी छोड़कर आए सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बसपा के ज़िला प्रभारी शहाब खान की मौजूदगी में बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ली। बहुजन समाज पार्टी की बैठक में शहाब खान के समाजवादी पार्टी छोड़कर सैकड़ों युवाओं ने बसपा का दामन थामा। सपा से आने वालों में मुराद खां, फिरासत घोसी, जीशान घोसी, दाऊद घोसी, जुनैद अली, सुभाष सिंह, दीपक साहिल, घोसी रिज्ज् अली, शाहनवाज़ तुर्की, अमीर पठान, दानिश अंसारी, मोहम्मद शाहवेज, आसिफ कुरैशी, निज़ाम तुर्की, आसिफ आरिफ आदि ने बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

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