प्रदेश सरकार गरीबों के विकास की बात तो करती है। लेकिन, उनके लिए चल रही योजनाओं का हाल लेने का समय शायद उनके पास नहीं है। अपनी बेटियों की डोली सजाने का सपना देख रहे लाखों गरीब माँ बाप की आस प्रदेश सरकार के बजट से टूट गयी है। जब से सरकार ने निर्धन अभिभावकों को उनकी पुत्रियों के विवाह पर मिलने वाले शादी अनुदान को बंद करने का फैसला लिया है। ऐसे में इन गरीब परिवारों के सामने अपनी बेटियों की शादी का संकट मंडराने लगा है।

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सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए कुछ भी नहीं

  • इस बार बजट में सामान्य वर्ग के गरीब परिवार की बेटियों की शादी का पैसा बंद कर दिया गया है।
  • सरकार ने अब 250 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान रखा है।
  • इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के पुत्रियों के सामूहिक विवाह आयोजनों के लिए किया है।
  • सरकार ने शायद विवाह समारोहों में होने वाली फिजूल खर्ची को रोकने के लिए यह बदलाव किया है।
  • शादी अनुदान की योजना समाप्त किये जाने के बाद विभागों में तेजी आ गई है।

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  • पिछड़ा वर्ग और समाज कल्याण विभाग में इस आशय के पत्र आ चुके हैं।
  • जबकि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में भी ऐसे पत्र का इंतजार किया जा रहा है।
  • यही तीन विभाग हैं जो शादी अनुदान के लाभार्थियों का चयन कर धनराशि वितरित करते रहे हैं।
  • आपको बता दें की बीते अप्रैल माह में अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो चुका था।
  • उन्हें लगा था कि सरकार अपने बजट में इस योजना की धनराशि तो देगी ही।
  • लेकिन बजट आने के बाद उनके आशाओं पर पानी फिर गया है।
  • आवेदन करने वालों ने 20 हज़ार अनुदान के लिए 500 से 1000 तक का व्यय किया हैं।
  • समाज कल्याण विभाग में शादी अनुदान के लिए जारी बजट के आहरण पर रोक लगायी गयी है।

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