उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला स्थित ओबरा थर्मल पॉवर प्लांट में भीषण आग लग जाने से हड़कंप मच गया। ओबरा थर्मल पावर प्रशासन द्वारा आनन-फानन में फायर उपकरणों द्वारा आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया, लेकिन उपकरण से आग बुझाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके चलते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग लगते ही लपटे, धुआं फैलने लगा तो उसे देखकर कर्मचारी भागने लगे। इस दौरान जो स्टाफ और कर्मी मौजूद थे। वह भी अपनी अपनी जान बचाकर ओबरा थर्मल पॉवर प्लांट से बाहर आ गये। कर्मचारियों ने इसकी सूचना अग्निशमन विभाग और पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और दमकल कर्मी आग बुझाने में जुटे रहे। मौके पर घंटों अफरा-तफरी का माहौल बना रहा, पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है। दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा था। फिलहाल, आग लगने के कारण स्पष्ट नहीं हो सके हैं। प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।

ओबरा तापीय परियोजना के स्वीच गियर में लगी आग के निरंतर बढ़ने के कारण से केबिल गैलरी पूरी तरह से नष्ट होने के कगार पर पहुंच गई है। आग के परियोजना के माइन्स 4 तक पहुंच जाने से केबिल जल गई है। जिससे परियोजना को करोड़ों रुपये की क्षति उठानी पड़ेगी। इसके साथ ही स्थिति को नियंत्रित करने तक परियोजना से बिजली उत्पादन पूरी तरह से बंद रहेगा। इससे प्रदेश में बिजली का संकट बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। ओबरा परियोजना से उत्पादन बंद होने के चलते 800 मेगावाट का विद्युत उत्पादन प्रभावित रहेगा। परियोजना को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही परियोजना के लोगों को बाहर कर दिया गया है। बताया कि अभी तक किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। सीआईएसफ के जवान लगातार आग पर काबू पाने में लगे हैं। इसके साथ रहे मौके पर मौजूद रहकर स्थिति पर नजर रखी जा रही है। परियोजना के भीतर जाने से मीडियाकर्मियों को भी रोका गया था।

जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार व झारखंड को बिजली देने वाली ओबरा थर्मल पॉवर प्लांट में रविवार सुब्बह अचानक आग लग गई। आग ने धीरे-धीरे भयावह रूप लिया है। वहां पर फायर बिग्रेड के एक दर्जन वाहन आग बुझाने में लगे हैं। ओबरा तापीय परियोजना के तापघर के स्वीच गियर के केबिल यार्ड में लगी आग ने भयावह रूप धारण कर लिया। सुबह तड़के करीब पांच बजे लगी इस आग के बारे में यहां के प्रशासन को जानकारी सुबह करीब छह बजे लगी। परियोजना के अधिकारियों को इसकी जानकारी सुबह छह बजे आग के भयानक रूप लेने पर हुई। यह आग सतह से नीचे माइनस चार में लगी है। लिहाजा उसे बुझाने में भारी मशक्कत हो रही है।

यहां पर आग ने धीरे-धीरे निचले सभी हिस्सों में पहुंचते हुए 200 मेगावाट की 9, 10, 11, 12,13 वीं इकाई को चपेट में ले लिया है। इस आग के कारण यहां पर उत्पादनरत परियोजना की 200 मेगावाट की सभी इकाइयां बंद हो गई हैं। सवा आठ बजे तक सीआइएसएफ अग्निशमन दल आग बुझाने के प्रयास में जुटा है। मौके पर उत्पादन निगम के उच्चाधिकारियों सहित डीएम भी मौके पर पहुंच गये हैं। ओबरा तापीय परियोजना के स्वीच गियर में लगी आग के लगातार बढ़ने पर जनपद के अन्य परियोजनाओं से भी सीआइएसफ के अग्निशमन शमन दल को मौके पर बुलाया गया है। इसके साथ ही जनपद की फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी मौके पर पहुंच गयी हैं। आग बुझाने में फायर ब्रिगेड के लोग लगे हैं। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि आग पर काबू पाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही आग पर काबू पा लिया जाएगा। बताया कि बालू, पानी व फोम डालकर स्वीच गियर की केबिल गैलरी तक पहुंची आग को रोकने का प्रयास किया जा रहा था।

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