जहां एक तरफ देश में हर कोई टेक्नोलॉजी के मामले में आगे बढ़ रहा है. वही चौथी कक्षा तक पढ़ाई करने वाले मथुरा के एक 36 वर्षीय किसान ने एक ऐसी मशीन ईजाद की है जो हवा से बिजली बनाएगी.

अपने इस  मशीन से बिजली बनाकर और जलाकर दिखाई.

तो हर कोई उसकी इस खोज के लिए उसकी तारीफ करते नहीं थक रहा है.

वहीं अपनी इस नई तकनीक के आविष्कार के बारे में किसान का कहना है,

उसे इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए सरकार से कोई मदद नहीं मिली  है.

लेकिन अब भी वह सरकारी मदद मिलने की उम्मीद कर रहा है.

प्रोजेक्ट की हो रही तारीफ:

मथुरा से करीब 30 किलो मीटर दूर छाता क्षेत्र के रहने वाले उदयवीर ने अपनी मेहनत और लगन से एक ऐसे प्रोजेक्ट को तैयार किया है.

जिसकी किसी भी गॉव के निवासी ने कल्पना भी नहीं की थी. जी हां उदयवीर पानी से बिजली नहीं बल्कि हवा से बिजली को बनायेगा.

जब लोगों ने ऐसा सुना तो लोग अपने आप को  रोक नहीं पाए.

उदयवीर के द्वारा बनाये गए प्रोजेक्ट को देखने के लिए आ गए.

उदयवीर ने जब हवा से बिजली बनाकर लोगों को दिखाया तो लोग उसके बनाये गए प्रोजेक्ट की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे है.

स्थानीय लोग इस प्रोजेक्ट को एक नया अबिष्कार मान रहे है.

मशीन को बनाने में लगे 1 लाख 50 हजार:

इस प्रोजेक्ट को बनाने बाले उदयवीर ने बताया, की उसके पिता किसान के साथ साथ ट्रैक्टर को ठीक किया करते थे.

मैं उन्हें इस काम को करते हुए देखता रहता था.

मैंने पापा के काम को अपने दिमाग में पहले से ही बैठा रखा था.

उसी को देखते हुए मैं एक छोटी सी मशीन पर अपना काम करना शुरू कर दिया.

जैसे जैसे मुझे सफलता मिलती गयी मैंने और बड़ा करने की ठान ली और 2010 से मैंने इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया.

8 साल 7 महीने की कड़ी मेहनत के बाद मैंने एक ऐसी मशीन तैयार कर दी जिससे बिना पानी के बिजली बनायीं जा सकती है.

मैंने इस मशीन से अपने पूरे घर की बिजली जला रहा हूँ.

अविष्कारी मशीन को उदय भाष्कर इलेक्ट्रिक जनरेशन नाम दिया गया है.

इस मशीन को बनाने के लिए करीब 1 लाख 50 हजार रूपये का खर्च आया था.

प्रोजेक्ट पर काम करते वक़्त उदयवीर की पैर की जो नशे थी वो ब्लॉक हो गयी.

2015 में उनका पैर डॉक्टर को काटना पड़ा. उदयवीर की मदद जान पहचान के लोग या रिस्तेदार कर रहे है.

यूपी सरकार से नही मिली मदद:

अपने इस अविष्कारी प्रोजेक्ट के बारे उदयवीर ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चिट्ठी पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री ऑफिस भेजा है.

लेकिन ना तो पीएम मोदी ने सुनी और ना ही यूपी सरकार की तरफ से कोई मदद इनको मिल रही है.

उदयवीर ने बताया की यहाँ मशीन में चार बैटरी लगी हुई है.

डीसी से मोटर ,मोटर से रोटर ,रोटर से अल्टीनेटर में सप्लाई जाती है और जैसे ही ऑक्सीजन बनने लगती है.

वैसे ही बिजली का बनना भी शुरू हो जाता है.

पूरे दिन में एक व्यक्ति जितनी ऑक्सीजन लेता है, उतनी ही मशीन ऑक्सीजन अपने अंदर लेती है.

इससे लगातार बिजली बनायीं जाती है और कोई प्रदूषण भी नही होता है.

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