मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण विराजमान को लेकर कोर्ट में डाली गई याचिका की सुनवाई जिला जज के द्वारा की गई।दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला जज ने याचिका को दायर कराने की अनुमति दे दी है। वादी पक्ष में याचिका दायर होने की खबर से खुशी का माहौल है। वहीं वादी पक्ष के द्वारा कोर्ट को धन्यवाद भी दिया गया ।

बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की भूमि को लेकर एक याचिका डाली गई थी और इस याचिका को सीनियर डिवीजन जज के द्वारा खारिज कर दिया गया था। वहीं याचिकाकर्ताओं ने पुनः जिला जज के समक्ष श्री कृष्ण विराजमान की 13.37 एकड़ भूमि को लेकर दोबारा अपील की और एक महीने बाद याचिका को स्वीकार कर लिया गया।

वही मामले की जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता हरि शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सीनियर डिवीजन जज के द्वारा जो याचिका खारिज की गई थी और खारिश करने की जो वजह बताई गई थी वह बिल्कुल गलत थी क्योंकि भगवान को लेकर भक्त को यह अधिकार है कि वह याचिका डाल सकता है।

श्री कृष्ण विराजमान की 13.37 एकड़ भूमि जोकि शाही ईदगाह के द्वारा अवैध रूप से कब्जाई हुई है उसको लेकर आज जिला जज ने उन्हें पूरी तरह से पढ़ा और पढ़ने के बाद याचिका को दाखिल करने की मंजूरी दे दी। विष्णु शंकर जैन ने बताया कि कोर्ट ने श्री कृष्ण जन्म स्थान ट्रस्ट के साथ-साथ श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ ,शाही ईदगाह कमेटी ,वक्फ बोर्ड ,सुन्नी वक्फ बोर्ड को नोटिस भेजा है।

एक महीने बाद हमारी याचिका दाखिल की गई और हमें खुशी है इस बात की के जिला जज ने साक्षी प्रस्तुत किए थे उनको गहराई में जाकर उनका चिंतन किया और उसके बाद यह निर्णय लिया।हरिशंकर जैन ने कहा कि जो 1968 में सहमति हुई वह गलत तरीके से हुई थी और आज हमने यह साबित कर दिखाया किस जन्म स्थान की 13.37 एकड़ भूमि पर शाही ईदगाह अवैध रूप से बनी हुई है।

इनपुट: जय 

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