मथुरा: शरद पूर्णिमा के मौके पर शुक्रवार को विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बाँके बिहारी मन्दिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जहाँ भक्तों ने पर्व के अनुरूप विशेष पोशाक एवं बाँसुरी बजाते हुए ठाकुर बाँकेबिहारी महाराज के दर्शन कर पुण्यलाभ अर्जित किया।

बता दें कि साल में एक बार केवल शरद पूर्णिमा के दिन ही बाँकेबिहारी महाराज मोर मुकुट, कटि-काछनी व बंशी धारण कर स्वर्ण-रजत जड़ित सिंहासन पर विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। इस अनुपम झांकी के दर्शन करने के लिये आये देश-विदेश के श्रद्धालु भक्तों का सुबह से ही सैलाब उमड़ पड़ा। जिसके चलते मंदिर से करीब आधा किलोमीटर तक भक्तों की लाइन लगी रही। जहां प्रबन्धन द्वारा कोविड-19 के अनुपालन में की गई व्यवस्थाओं के अनुसार ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा था। वहीं पुलिसकर्मी भी भीड़ को नियंत्रित करने एवं भक्तों को कतारबद्ध करने में जुटे रहे।

श्रद्धालुओं ने जब मन्दिर के आंतरिक परिसर में जब चन्द्रमा की धवल चाँदनी में श्वेत पोशाक व विशेष श्रृंगार से सुसज्जित एवं बंशी धारण किए अपने आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी की मनोहारी झाँकी को देखा तो एकटक निहारते रह गए और स्वयं धन्य मान हाथ उठाकर जयघोष करने लगे। जिससे समूचा परिसर बाँके बिहारी की जै-जैकार से गुँजायमान हो उठा। वहीं शरद पूर्णिमा के पावन मौके पर मंदिर का वातावरण भी भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था।

जहां ठाकुरजी का श्वेत रंग का शृंगार के अलावा परदे सहित सम्पूर्ण मन्दिर परिसर को भी सफेद रंग के ही गुब्बारे आदि से सजाकर भव्यता प्रदान की गई थी। यहाँ तक कि ठाकुरजी का प्रसाद भी सफेद रंग की खाद्य सामग्री खीर आदि से ही लगाया गया।

इनपुट: जय

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