आज बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला. इतना ही नहीं उन्होंने आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्णों और मुस्लिमों को भी आरक्षण देने की अपील सरकार से की है. उनकी इस मांग को 2019 लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.  

एससी/एसटी एक्ट को लेकर सरकार :

बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा की केंद्र और राज्य को दलितों और पिछड़ों के ऊपर हो रहे अन्याय का कारण बताया. उन्होंने कहा कि सरकार को सरकारी नौकरियों में दलितों को जगह देने के लिए इमानदारी से काम करने की जरूरत हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बताया कि देश में माहौल ऐसा है कि लोगों को अपनी जान गवानी पड़ रही है. इसके बावजूद मंत्री और अफसर चुप बैठे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि खुद सरकार के मंत्री सरकार के खिलाड़ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे साफ़ है कि वे खुद सरकार की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं हैं.

ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने का स्वागत:

मायावती ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने का स्वागत किया और कहा कि सरकार दलितों और पिछड़ों के लिए काम करेंगी, तो बसपा सबसे पहले आगे आकर इसका स्वागत करेगी.

उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में लाखों पद खाली पड़े हैं. सरकार इन पदों को भर कर मौका दें. उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को इमानदारी से काम करने की जरूरत हैं.

दलितों को शिक्षा और रोजगार में पूरा लाभ दे:

उन्होंने ये भी मांग की कि सरकार देश के पिछड़ों और दलितों के साथ अन्याय कर रही हैं. वे दलितों को शिक्षा और रोजगार में पूरा लाभ दे. उन्होंने कहा कि सरकार को दलितों और पिछड़ों को आगे बढ़ाने में मदद करनी चाहिए. लेकिन सरकार का ये प्रयास राजनीतिक न हो.

इतना ही नहीं आज कि प्रेस वार्ता में एक खास बात ये रही कि मायावती ने न केवल पिछड़ों और दलितों बल्कि मुस्लिम और सवर्णों के लिए भी आरक्षण की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक रूप से कमजोर ऊंचे वर्ग के लोगों को भी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण दें. उच्च जाति यानी सवर्णो की आर्थिक स्थिति खराब होने की दशा में उनको 18 फीसदी आरक्षण देने की मांग मायावती ने की. साथ ही मुस्लिम समुदाय को भी आरक्षण देने की बात की.

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