महाराष्ट्र के पुणे के पास भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित कार्यक्रम में दो पक्षों के बीच हिंसा की शुरुआत हुई थी, उसकी आग सदन तक पहुँच चुकी थी. सदन में जमकर हंगामा हुआ था. पुणे हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार बीजेपी पर हमले कर रहा है. इस हिंसा को लेकर सियासत तेज हो चुकी है.

 बसपा सुप्रीमो ने भी बोला बीजेपी पर हमला

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि पुणे के भीमा-कोरेगांव में हिंसा फैलाई गई. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बीजेपी की कड़ी निंदा करती हूं. मायावती ने कहा कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा भी नहीं होने दी. दलितों पर पुणे में अत्याचार किया गया. भगवा हिन्दुत्ववादी दलितों को निशाना बना रहे हैं. बीजेपी दलितों के खिलाफ काम कर रही है.

पुणे हिंसा पर राज्यसभा में घमासान

कांग्रेस एमपी रजनी पाटिल ने रुल 267 के तहत नोटिस दिया. नरेश अग्रवाल ने भी बीजेपी को घेरते हुए कहा कि हिंसा की जाँच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाये. वहीँ जिग्नेश मेवानी और उमर खालिद पर पुणे में एक और मुकदमा दर्ज किया गया है. हालाँकि शिवसेना ने भाजपा का साथ देते हुए कहा कि सरकार ने जो कदम उठाये वो पर्याप्त थे वरना स्थिति और भी बिगड़ सकती थी.

 

हिंसा की आग में जल रहा पुणे

सोमवार को महाराष्ट्र के पुणे के पास भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित कार्यक्रम में दो पक्षों के बीच हिंसा की शुरुआत हुई थी, जिसमें एक शख्स की मौत हो गयी थी. जिसके बाद हिंसा का विस्तार प्रदेश के 18 शहरों तक हो चुका है, जिनमें मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, अहमदनगर जैसे शहर शामिल हैं.

250 से ज्यादा दलित संगठनों ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया:

देश के महाराष्ट्र जिले में सोमवार से शुरू हुई जातीय हिंसा बढ़कर प्रदेश के 18 शहरों को अपनी चपेट में ले चुकी है, इसके साथ ही करीब 250 से ज्यादा संगठन जिनमें, बहुजन महासंघ, महाराष्ट्र डेमोक्रेटिक फ्रंट, महाराष्ट्र लेफ्ट फ्रंट ने महराष्ट्र बंद का ऐलान किया है. इसके साथ ही मुंबई, ठाणे समेत राज्य के कई इलाकों में प्रदर्शन हो रहे हैं. इतना ही नहीं ठाणे में प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है.

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