आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि सेना के लोग युद्ध की स्थिति में तैयार होने में छह से सात महीने का वक्त लगा सकते हैं लेकिन हमारे लोग यानी संघ के कार्यकर्ता दो से तीन दिन में ही तैयार हो जाएंगे. बिहार के मुजफ्फरपुर में आयोजित आरएसएस के पांच दिवसीय कार्यक्रम में मोहन भागवत कहा कि संघ के लोग सेना की तरह ही अनुशासित होते हैं. इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरएसएस स्वयंसेवकों को लेकर विवादित बयान दिया है.

मायावती का विवादित बयान

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मायावती ने आरएसएस स्वयंसेवकों को मिलिटेंट कहा है. मायावती ने स्वयंसेवकों की तुलना आतंकियों से की है. सेना को लेकर भागवत के बयान से भड़की मायावती के बयान से सियासत गर्म हो गई है. मायावती ने भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने मिलिटेंट स्वयंसेवकों की सुरक्षा में रहें भागवत वो क्यों कमांडो की सुरक्षा में रहते हैं. मायावती ने कहा कि भागवत को भरोसा नहीं तो अपनी सुरक्षा छोड़ दें. भागवत ने सेना का अपमान किया है. मायावती ने कहा कि देश से और सेना से अपने बयान के लिए मोहन भागवत माफी मांगे.

मोहन भागवत ने पढ़ाया था अनुशासन का पाठ

उन्होंने कहा कि अगर संविधान और कानून इजाजत दे तो युद्ध की स्थिति में हमारे स्वयंसेवक सेना से भी पहले तैयार होकर मौके पर पहुंचने में सक्षम होंगे. भागवत ने कहा कि अनुशासन ही संघ की पहचान है. मोहन भागवत ने कहा कि उनका संगठन पारिवारिक है लेकिन उसमें अनुशासन बहुत है

कहा- जरुरत पड़ी तो लड़ने को के लिए तैयार

स्वयंसेवकों की तारीफ करते हुए मोहन भागवत ने ये भी कहा कि देश को अगर हमारी जरूरत पड़े और हमारा संविधान और कानून इजाजत दे हम तुरंत तैयार हो जाएंगे. मोहन भागवत का ये बयान उस वक्त आया है जब सेना के जवान 36 घंटे से आतंकियों से मोर्चा लिए हैं. आतंकी सेना के बेस कैंप के छिपे हैं और सेना के जवान उनका मुकाबला कर रहे हैं. ऐसे में मोहन भागवत का ये बयान क्या गुल खिलायेगा, ये देखने वाली बात है. बता दें कि मोहन भागवत पिछले पांच दिनों से मुजफ्फरपुर में डटे हुए हैं.

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