बसपा की दलित विरोधी नीतियां केवल वोट बैंक की राजनीति के तहत की गयी है : बृजलाल

  • बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती द्वारा अपने जन्मदिन के अवसर पर मुसलमानों को दस प्रतिशत आरक्षण की वकालत की गयी
  • अनुसूचित जाति आरक्षण में दलित मुसलमानों को पहले से ही आरक्षण मिल रहा है
  • इसी प्रकार पिछड़ी जाति के 27  प्रतिशत आरक्षण में उस श्रेणी के मुसलमानों को भी आरक्षण प्राप्त है
  • भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा सर्वणों को आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं है
  • इस श्रेणी में आने वाले मुसलमानों को भी यह अनुमन्य है
इस प्रकार बहन जी की यह मांग केवल वोट बैंक की राजनीति के तहत की गयी है
  • अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आज तक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति व पिछड़ी जातियों को निर्धारित आरक्षण नही  जा रहा है
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग उत्तर प्रदेश द्वारा को दिनाक 18-07-2018 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय  को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था
  • उनके द्वारा संविधान प्रदाप्त आरक्षण क्यों नही दिया  रहा है
  • जो अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति में आयोग में विचारधीन है
  • मेरे द्वारा नोटिस देने के बाद यह एक राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बना
  • तमाम टीवी चैनलों में एस सम्बन्ध में डिबेट भी योगित किये गए
  • आश्चर्य की  बात यह रही की इस आरक्षण के मुद्दे पर बसपा, सपा तथा कांग्रेस पार्टी  ने अपने नुमाईन्दे भी नही भेजे न ही इस पर पार्टी का कोई पक्ष रखा
  • तथाकथित दलितों की मसीहा कहने वाली बसपा को दलितों के हित में बोलना चाहिए था
  • इस संवेदनशील मामले में चुप्पी साधना यह सिद्ध करता है कि वोट बैंक की राजनीति करने के लिया बसपा दलित हितों को भी तक पर रख सकती है
  • इस प्रकार बसपा दलितों के हित की अनदेखी कर  उनकी रक्षाक बनने के बजाये उनके अधिकारों की भक्षक बन गयी है

[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”UP News” background=”” border=”” thumbright=”no” number=”6″ style=”grid” align=”none” displayby=”recent_posts” orderby=”random”]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें