23 मार्च को राज्यसभा की 10 सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं। इन चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी लगातार बैठकें कर अपने विधायकों को एकजुट रखने में लगी हुई है। बीते शाम सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी विधायकों के लिए डिनर आयोजित किया था जिसमें कई विधायक पहुँचे थे। आज शाम सपा की दूसरी बैठक होने वाली है। इस बीच सपा की मदद से अपने प्रत्याशी को राज्य सभा भेजने के सपने देख रही बसपा सुप्रीमों मायावती ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने नए शर्त रख दी है जिसके बाद पार्टी की परेशानी बढ़ सकती है।

बसपा सुप्रीमों ने रखी शर्त :

राज्य सभा चुनावों में विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के डर के चलते बसपा अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी से अपने प्रत्याशी के लिए 9 विश्वस्त विधायकों की सूची जारी करने को कहा है। बसपा सुप्रीमों का ये संदेश सपा अध्यक्ष तक पहुंचा दिया गया है। बसपा चाहती है कि उसके प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को सपा विधायक का प्रथम पसंद का वोट मिले। इसलिए बसपा की ओर से कहा गया कि उसके प्रत्याशी को सपा का प्रथम वरीयता वोट मिले। अगर ऐसा हो गया तो समाजवादी पार्टी की घोषित प्रत्याशी जया बच्चन की जीत में परेशानी हो सकती है। सपा नहीं चाहेगी कि किसी सूरत में जया बच्चन को दूसरी वरीयता में रखा जाए। ऐसा हुआ तो सपा प्रत्याशी जया बच्चन का चुनाव जीतना मुश्किल हो जायेगा।

 

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उपचुनावों में सपा को किया था समर्थन :

पिछले दिनों गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बसपा ने सपा को समर्थन दिया था। इसके बदले में बसपा राज्य सभा चुनावों में अपने प्रत्याशी के लिए सपा का प्रथम वरीयता वोट चाहती है। चुनाव के पहले अचानक ये नयी परेशानी आने से सपा ने आज शाम मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव संबोधित करेंगे। मीटिंग में शिवपाल और आजम खां के आने का दावा किया जा रहा है। लखनऊ के होटल ताज में ये बैठक आज शाम 7 बजे बुलाई गई है। इस बैठक में सभी सपा विधायकों और विधान परिषद् सदस्यों को बुलाया गया है।

 

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