उत्तर प्रदेश में बारिश आफत बनकर बरस रही है. बारिश का सितम इस कदर है की कई इलाके पूरी तरह जलमग्न हो चुके है. ऐसी स्थिति में लोगों के लिए बारिश परेशानी का सबब बन चुकी है. कानपुर के भी हालत ऐसे ही है. यहाँ लगातार बारिश की वजह से पानी लोगों की घरों में जा चुका है. बारिश से परेशान कुछ लोग पलायन करके अपने रिश्तेदारों के घर जा चुके है.

देर से जागा प्रशासन:

स्थानीय लोगों का कहना है की बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ने से कटाव हुआ जिसकी वजह पानी इस इलाके को जलमग्न कर गया। घरों के जलमग्न होने से कई लोग अपने मकान छोड़कर अपने रिश्तेदारों के घर जा रहे हैं। जलभराव होने से कीड़े मकौड़े सांप घरों में घुस रहे हैं जिसकी वजह से काफी परेशानी हो रही है। लोगो का कहना है कि ना तो जिला प्रशासन हमारी सुध ले रहा है और ना ही कोई नेता।  हालांकि कि प्रशासन का कहना है कि कई इलाकों में राहत बचाव कार्य शुरू किये गए है मगर जमीनी हालत देखकर ऐसा नहीं लगता.

बैठकों का दौर जारी:

बिजली, पानी, सीवर, जल भराव, मलेरिया डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे कानपुर शहर को इन समस्याओ से छुटकारा दिलाने के बजाय प्रशासन सिर्फ बैठकों को सम्पन्न कर काग़ज़ों मे सुधार कर रहा है. कानपुर शहर आयी उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय एंव सामाजिक सद्भाव समिति ने जिलास्तरिय विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की.

कैंट स्थित ओईएफ गेस्ट हाउस मे हुयी इस बैठक मे समिति के चैयरमैन पुष्पराज जैन ने अन्य तीन सदस्यों के साथ बारी बारी से ज़िलाधिकारी, एसएसपी, केडीए उपाध्यक्ष, नगर आयुक्त, एडीएम, एसडीओ, सीडीओ मजिस्ट्रेटों से विकास कार्यो पर चर्चा की.

वही उन्होंने जब मीडिया से बात कि तो कहा यह बैठक गोपनीय है और समस्याओ को हल करने की बात पर उन्होंने सारे मामले ज़िलाधिकारी पर टाल दिये.

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