उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की सरकार जाने के बाद से योगी सरकार ने बदलाव का दौर शुरू कर दिया है। सपा सरकार में जमे बैठे कई अधिकारियों को उनकी जगह से हटाने का काम शुरू हो चुका है। योगी सरकार ने इस बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े नेता को बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी गई है जिसके बाद नयी चर्चाएँ शुरू हो चुकी हैं।

महबूब अली को मिली जिम्मेदारी :

समाजवादी पार्टी के पश्चिम उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े नेता और अमरोहा से वर्तमान विधायक महबूब अली को उत्तर प्रदेश विधानसभा में बड़ी ज़िम्मेदारी मिली है। उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अमरोहा से विधायक महबूब अली को उत्तर प्रदेश विधानसभा की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष पद के लिए चुना गया है। इस लोक लेखा समिति को विधानसभा की सबसे ताकतवर समिति माना जाता है।

सपा विधायक महबूब अली को आज सर्वसम्मति से विधानसभा की लोक लेखा समिति का सभापति निर्वाचित किया गया है। इस समिति के 26 सदस्यों में 21 विधानसभा के और 5 विधान परिषद के सदस्य हैं। सपा विधायाक ने इस मौके पर कहा कि सदन में सबसे ज्यादा अधिकार इसी समिति को मिले हुए हैं। पिछले 15 साल के लेखा परीक्षण के तमाम कार्य अभी तक लंबित पड़े हैं। इन्हें खत्म करने के लिए समिति सदस्यों को अधिक से अधिक इन पर समय देना होगा।

समिति के कार्य :

उत्तर प्रदेश के सदन में सबसे ज्यादा अधिकार इसी समिति को दिये गये हैं। लोक लेखा समिति कुछ सीमित सदस्यों वाली समिति है जो सरकार के खर्चों की लेखा परीक्षा करती है। यह समिति विधानसभा द्वारा बनाई गयी है। इस समिति में 22 सदस्य होते हैं। इसमें 21 सदस्य विधानसभा द्वारा तथा 5 सदस्य विधान परिषद् से एक वर्ष के लिये चुने जाते हैं। सपा विधायक को बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद लंबित मामलों के जल्द खत्म होने की उम्मीदें हैं।

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